मुजफ्फरनगर: जिले में कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉक डाउन के दौरान जहां लोग अपने घरों में हैं, वहीं कुछ मजबूर लोग ऐसे भी हैं जिन्हें किसी कारणवश बाहर जाना पड़ता है. देश में कोरोना वायरस को लेकर अस्पतालों को तमाम तरह के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है. जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों का सही से इलाज नहीं किया जा रहा है.
पहला मामला
जिले की नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव नियाजउपुरा निवासी जरीफ की मां का पैर एक्सीडेंट में टूट गया था. जरीफ ने अपनी मां को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज में लापरवाही के कारण पीड़ित ने जब डॉक्टरों से बातचीत की तो डॉक्टर ने उसकी मां को मेरठ रेफर कर दिया और एंबुलेंस देने से मना कर दिया. इसके बाद जरीफ अपनी मां को रेहड़ी में बैठाकर मेरठ के लिए रवाना हो गए.