मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश सरकार अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाबों के सौन्दर्यीकरण को लेकर करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है. लेकिन बावजूद इसके यूपी के मुजफ्फरनगर में तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर ना सिर्फ किसान और ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है. बल्कि उनकी जमीन से मिट्टी निकाल कर तालाबों का भराव किया जा रहा है. इससे ना सिर्फ किसानों के फसल की भूमि पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है, बल्कि तालाब के सौन्दर्यीकरण के नाम जिम्मेदार करोड़ों रुपए का बंटाधार कर रहे है.
मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र के गांव रोहनी हरजीपुर का है, जहां तालाबों के सौंदर्यकरण के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों ने तलाब में अर्धनग्न होकर जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जिले में 150 तालाबों को अमृत सरोवर योजना में शामिल किया गया है. इस योजना से भूगर्भ जल में वृद्धि होगी, पानी की दैनिक समस्या का निदान के लिए जनपद के सभी नौ ब्लाकों के 150 तालाबों का चयन किया गया है. तालाबों के माध्यम से जल संरक्षण और जल संचयन को बढ़ावा मिलेगा.
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योजना में 75 नये तालाब शामिल किए गए है, जिन पर अब से पहले काम नहीं हुआ है. वहीं 53 तालाब ऐसे हैं जिनका जीर्णोद्धार किया जाएगा, जबकि 22 तालाबों के कार्य अधूरे पड़े है जो इस योजना में पूरे किए जाएंगे. प्रत्येक तालाब का अलग-अलग ब्यौरा तैयार किया जा रहा है. समस्त कार्य मनरेगा के माध्यम से पूरे किए जाएंगे, बरसात शुरू होने से पहले तालाबों के सौन्दर्यीकरण का कार्य पूरा किया जाएगा. इसके साथ ही सभी तालाबों को संरक्षित रखने के लिए उनके किनारों पर पौधरोपण का कार्य होगा. पर्यावरण संरक्षण को ज्यादातर फलदार पौधे लगाए जाएंगे. इनमें आम, जामुन, इमली, नीम आदि के पौधे शामिल है.गर्मियों के दिनों में इन पौधों में पानी तालाब से मिलेगा.
बावजूद इसके उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री की अमृत सरोवर योजना में बड़े स्तर पर घोटाला किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि अमृत सरोवर योजना के नाम पर जिला प्रशासन द्वारा गांव में किसी भी तालाब की खुदाई नहीं की गई और ना सफाई की गई. बल्कि किसानों की जमीन से मिट्टी उठाकर तालाब के चारों और लगा दी गयी और बरसात का पानी तालाब में नहीं जाने के कारण उनके खेत में खड़ी फसल जल भराव होने से खराब भी हो रही है.
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