मेरठ : जिले के लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी का पहली बार प्रयोग किया गया. सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक स्थित न्यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने मरीज का थेरेपी से इलाज किया. मुजफ्फरनगर जनपद के रहने वाले जगपाल सिंह को इस थेरेपी से काफी फायदा हुआ है. इस तरह की थेरेपी मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुई है.
मिली जानकारी के अनुसार मधुमेह से ग्रसित मरीजों में नसों के काम न करने की समस्या आती है. मुजफ्फरनगर जनपद के रहने वाले जगपाल सिंह काफी समय से इस बीमारी से ग्रसित हैं. 72 वर्षीय जगपाल के दोनों पैर सुन्न पड़े थे. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज के सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक के न्यूरोलॉजी विभाग की सहायक आचार्य डॉ. दीपिका सागर ने इलाज शुरू किया. इस दौरान मरीज को इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन की थेरेपी दी गई. जिससे मरीज के सुन्न पड़े पैर ठीक हो गये. इस तरह की थेरेपी मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुई है.
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मेरठ के मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुआ इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी से सफल इलाज - काफी फायदा हुआ
जिले के लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन थेरेपी का पहली बार प्रयोग किया गया. मुजफ्फरनगर जनपद के रहने वाले जगपाल सिंह को इस थेरेपी से काफी फायदा हुआ है.
जगपाल सिंह
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी वीडी पांडेय ने बताया कि पहली बार मेडिकल कॉलेज में इस तरह का इलाज किया गया है. डॉक्टर्स ने तमाम अध्ययन करने के बाद मरीज का उपचार किया है. मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ हो चुका है. मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आर सी गुप्ता ने इस सफलता के लिए डॉ. दीपिका सागर व उनकी टीम को शुभकामनाएं दीं।
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