मेरठ: जिले में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy-2020) के प्रावधानों को परिषदीय शिक्षा में लागू करने के लिए अंतरिक्ष, गणित, विज्ञान और तकनीक से सुसज्जित 'आधारशिला' नाम की एक विशेष लैब तैयार की गई है. इस लैब में गणित, विज्ञान और तकनीक से जुड़ी तमाम जानकारियां पढ़ाई के साथ दी जाएगी. छात्र अब सिर्फ यहां पढ़ाई ही नहीं करेंगे, बल्कि लर्निंग बाई डूइंग के तर्ज पर कोडिंग से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रहों के घूमने से लेकर न्यूटन के नियमों, रोबोटिक्स और ड्रोन तकनीक टेलिस्कोप तक से लेकर ब्रम्हांड आदि को भी समझेंगे.
सरकारी स्कूलों को सजाने- संवारने के अलावा अब नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (new national education policy) के तहत तकनीकी ज्ञान देने के लिए भी उसको तैयार किया जा रहा है. मेरठ में जिला प्रशासन की ओर से जनपद के मोहिउद्दीनपुर के प्राथमिक विद्यालय में इस खास लैब स्थापित कर दी गयी है. अब मेरठ में सरकारी स्कूल में अंतरिक्ष, गणित, विज्ञान और तकनीक से सम्बंधित विशेष लैब बनाई जा रही है जिसे ‘आधारशिला’ नाम दिया गया है.
सरकारी पाठशाला में 'आधारशिला' लैब छात्रों को बनाएगी हाईटेक अब बच्चे खेल-खेल में टेलिस्कोप और दूरबीन से नई -नई खोज करते हुए दिखेंगे. वहीं, विद्यालयों में अंतरिक्ष, गणित, विज्ञान और तकनीक से जुड़ी प्रत्येक बारीकी को सीखेंगे, तो वहीं, सोलर-सिस्टम, रात और दिन की प्रक्रिया, फिजिक्स में लाइट, लेंस और साउंड, केमिस्ट्री में तापमान मापने से लेकर बैट्री की संकल्पना भी सीखेंगे. वहीं, छात्र मानव शरीर संरचना आदि के बारे में भी जान सकेंगे.
इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी (Chief Development Officer Shashank Choudhary) ने बताया कि 'आधारशिला' नाम से एक खास लैब को इसलिए तैयार किया जा रहा हे क्योंकि गांव में भी छात्र वो सब सीख सके जो शहरों में पढ़ने वाले छात्र पढ़ाई के दौरान सीख लेते हैं.
उन्होंने बताया कि छात्र आसानी से सिर्फ विज्ञान और तकनीक पर आधारित तथ्यों को समझ पायेंगे, बल्कि गणित से लेकर कोडिंग तक पर भी उनकी पूरी कमांड होगी. इसे भी पढ़ेंःसीएम योगी आज करेंगे 5 एयरपोर्ट के संचालन के लिए MOU साइन
गौरतलब है कि, मेरठ में युवा आईएएस शशांक चौधरी (young ias shashank chaudhary) खासकर सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए अब तक कई ऐसे प्रयोग कर चुके हैं, जिनकी चर्चा प्रदेश स्तर पर खूब होती है. इससे पहले जिले में बड़े पैमाने पर छात्रों के लिए पुस्तकालयों की स्थापना को लेकर उन्होंने रुचि दिखाई थी. वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए आवश्यक पुस्तकें उपलब्ध कराने को बुक बैंक की स्थापना की.
यानी देखा जा सकता है कि सरकारी स्कूलों के छात्रों को पढ़ाई के साथ -साथ उनकी जिज्ञासाओं से जुड़े सवालों के उत्तर देने के लिए आधारशिला की नींव रखी जा रही है. सीडीओ का कहना है कि यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के अलावा ग्रामीणों को भी जागरूक करने का मकसद है. उन्होंने बताया कि इस लैब में माइक्रोस्कोप टेलिस्कोप, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, न्यूटन लॉ, इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म के बारे में बताया जाएगा.उन्होंने कहा कि कोशिश यही है कि अन्य प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी पढ़ें और सीखें ताकि वे बुद्धिमान हो, जब वे बड़ी कक्षाओं में बारहवीं की पढ़ाई के बाद पहुंचे, तो सब कुछ उन्हें नया न लगे. सीडीओ ने बताया कि आने वाले दिनों में इस विशेष लैब को अन्य स्कूलों से लिंक करने का प्रयास किया जाएगा. ताकि मेरठ के जिन प्राइमरी स्कूलों में अभी ऐसी लैब नहीं है, वे भी सीख सकें. उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) के जिम्मेदारों को कहा गया है कि वें 6th स्टैंडर्ड ओर उससे बड़ी क्लास के छात्रों को एक ग्रुप बनाए तथा एक टूर प्लान करके उस लैब में जाए तभी सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स की समझ विकसित होगी.
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