लखनऊ:उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को इस बार मतों की बारिश होने का इंतजार है. इस इंतजार को खत्म करने के लिए कांग्रेस के नेता जमकर पसीना भी बहा रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस पार्टी को जीत मिले और हाथ मजबूत हो सके, इसके लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने इसकी पटकथा 2021 में ही लिखना शुरू कर दी थी.
जानकारी देते कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय अभियानों, यात्राओं, संवादों, घोषणाओं और वादों के साथ प्रियंका विधानसभा चुनाव में उम्मीद के साथ उतरने को पूरी तरह तैयार हैं. उन्हें इस बार जीत का पूरा भरोसा भी है. साल 2021 की बात करें, तो कांग्रेस के कई पुराने नेताओं ने पार्टी छोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम लिया. कांग्रेस के नेताओं के साथ ही राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
प्रियंका गांधी के ये बयान 2021 में चर्चा में रहा कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जबसे उत्तर प्रदेश की कमान संभाली है, तबसे संगठन को संजीवनी सी मिल गई है. संगठन को मजबूत करने के लिए प्रियंका ने तमाम ऐसी योजनाएं बनाईं, जिससे घर पर रहने वाले नेता बाहर निकलकर लोगों के बीच पहुंच गए. इन्होंने नए लोगों को संगठन से जोड़ने का काम शुरू किया. इस बार चुनाव से पहले स्थितियां बदलनी शुरू हो गई हैं. बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर और प्रदेश स्तर तक संगठन के लोग पूरी ताकत से जुटे हुए हैं और इसका क्रेंडिट कांग्रेस के नेता प्रियंका गांधी को दे रहे हैं.
प्रदेश भर में चलाया गया संगठन सृजन अभियानप्रियंका गांधी ने संगठन को खड़ा करने के लिए पार्टी नेताओं को संगठन सृजन अभियान चलाने का प्लान दिया. इसके बाद पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मैदान में उतरे. जनता के बीच पहुंचे, कांग्रेस की नीतियों को समझाया और उन्हें अपने साथ जोड़ा. संगठन सृजन अभियान के कारण लाखों लोग कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए.
लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का दफ्तर प्रियंका ने यात्राओं का सहारा लियालोगों के बीच अपनी पकड़ बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने यात्राओं का भी सहारा लिया. किसान यात्राएं की गई, जिसमें कांग्रेस पार्टी के नेता किसानों के बीच पहुंचे. तीन दिन तक रुककर रात्रि विश्राम किया. किसानों के साथ पंचायत की गईं, प्रभातफेरी निकाली गईं. इसके बाद भाजपा गद्दी छोड़ो जन जागरण अभियान किया गया. तहसीलों का घेराव किया गया. पार्टी ने नदी अधिकार यात्रा निकालकर नदियों के संरक्षण को भी पार्टी ने बढ़ावा दिया.
सभी जातियों के सम्मेलन किए कांग्रेस पार्टी ने सभी जातियों को अपने साथ जोड़ने के लिए सम्मेलन भी किए. प्रदेश में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक सम्मेलन, पिछड़ा वर्ग सम्मेलन, अनुसूचित जाति जनजाति सम्मेलन हुए. प्रदेश भर से इन जातियों और वर्गों के लोगों को कांग्रेस की नीतियों को समझाकर आकर्षित किया गया. पार्टी से कई वर्गों के लोग जुड़े भी.
कांग्रेस पार्टी को संजीवनी
जनता के सुख-दुख में प्रियंका गांधी साथ खड़ी नजर आईं. उम्भा से लेकर उन्नाव तक और सहारनपुर से लेकर लखीमपुर तक प्रियंका गांधी लोगों के बीच पहुंची. इतना ही नहीं आगरा में पुलिस हिरासत में मौत होने पर प्रियंका गांधी अरुण वाल्मीकि के घर पहुंची और परिवार को सांत्वना दी. पीड़ित परिवार को मदद के तौर पर 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी गयी.
लखीमपुर हिंसा मामले में सबसे आगे रहीं प्रियंका गांधी
केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्रा पर लखीमपुर में कई किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगा, तो प्रियंका गांधी ने इस मामले को गंभीरता से लिया. वो लखीमपुर में पीड़ित परिवारों से मिलने की जिद पर अड़ गईं. रात में ही लखनऊ से लखीमपुर के लिए निकल पड़ीं.
पुलिस से उनकी नोकझोंक भी हुई. सीतापुर की सीमा पर उन्हें पुलिस ने रोक लिया. तीन दिन तक प्रियंका गांधी हिरासत में रहीं, बावजूद इसके उन्होंने जिद नहीं छोड़ी. आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी के साथ पीड़ित परिवारों से मिलने सबसे पहले पहुंचीं.
किसानों के परिवारों को दी गयी सहायता
प्रियंका गांधी ने पीड़ित किसान परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई. छत्तीसगढ़ और पंजाब सरकार ने लखीमपुर हिंसी में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी. इससे यह संदेश भी गया कि प्रियंका गांधी ही सभी के दुख में साथ खड़ी होती हैं.
आधी आबादी को पूरी भागीदारी का वादा
देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में महिलाओं आधी आबादी को पूरा प्रतिनिधित्व देने का कांग्रेस ने बीड़ा उठाया है. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का ऐलान किया है. साथ ही अलग से महिलाओं के लिए घोषणा पत्र भी तैयार किया, जिसमें महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर वादों की बरसात की गई. पार्टी को उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाएं कांग्रेस को समर्थन जरूर देंगी.
बड़ी संख्या में नेताओं ने छोड़ी कांग्रेस
भले ही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी लगातार मेहनत कर कांग्रेस पार्टी को संजीवनी देने की कोशिशों में जुटी हुई हैं, लेकिन पार्टी के बड़ी संख्या में नेताओं ने ही 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का साथ छोड़ दिया. वो दूसरे दलों में शामिल हो गए, जो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी का सबब भी बन सकता है.
ये हैं बड़ी चुनौतियां
कहा जा रहा है कि यूपी में पार्टी के पास अनुभवी नेताओं की कमी हो गई है. नए लोग पार्टी से जुड़े हैं, जिन पर प्रियंका गांधी ने विश्वास जताया है. उनका अपना जनाधार काफी कम ही है. पार्टी का संगठन अभी इतना भी मजबूत नहीं हुआ है कि सत्ता तक कांग्रेस पार्टी पहुंच पाए. हालांकि पिछले साल हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया था. दो सीटों पर समाजवादी पार्टी को भी हराया था.
इससे कांग्रेस के नेताओं में एक उम्मीद जरूर जागी है कि प्रियंका का करिश्माई नेतृत्व करिश्मा दिखाने लगा है, लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम बताएंगे कि वर्तमान में यूपी में पांच विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी के कितने विधायक जीत कर आते हैं.
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क्या कहते हैं कांग्रेस नेता
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय का कहना है कि जिस तरह से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने पिछले दो साल में मेहनत की है, उससे कांग्रेस का संगठन मजबूत हुआ है. 700 से ज्यादा कैंप लगाकर दो लाख से ज्यादा कांग्रेस के सिपाही तैयार किए गए, जो पार्टी को मजबूत कर रहे हैं. पहली बार महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में किसी पार्टी ने सोचा है.
उमाशंकर पांडेय ने कहा कि प्रियंका गांधी ने महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रतिज्ञा ली है. हम झूठे वादे नहीं करते, हम वादे पूरे करेंगे. उत्तर प्रदेश में प्रियंका लगातार मेहनत कर रही हैं, उसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को जरूर मिलेगा. सभी के सुख-दुख में प्रियंका गांधी ही खड़ी हुई नजर आई हैं. प्रियंका गांधी सभी का दुख बंटाने उनके बीच पहुंचीं. इस बार निश्चित तौर पर प्रदेश की जनता कांग्रेस पार्टी को समर्थन करेगी. हम इस बार सरकार जरूर बनाएंगे.
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विश्लेषक योगेश मिश्र का कहना है कि कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़कर जो नेता चले गए हैं, वो कांग्रेस पर बोझ थे. इससे पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उत्तर प्रदेश में जिस तरह से प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला है, उसका असर भी साफ दिखने लगा है. कांग्रेस का संगठन पिछले दो सालों में काफी मजबूत हुआ है. कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता मैदान में उतर कर मेहनत कर रहे हैं.
योगेश मिश्र ने कहा कि पहले कांग्रेस के नेता ये सोचा करते थे कि स्टेट पॉलिटिक्स का कोई मतलब नहीं होता है. सभी सेंट्रल पॉलिटिक्स करते थे, लेकिन अब उन्हें समझ आ गया है कि प्रियंका गांधी स्टेट पॉलिटिक्स पर ध्यान दे रही हैं. यह तो अभी नहीं कहा जा सकता कि कांग्रेस कितनी सीटें जीतेगी, लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि अब रनवे पर प्लेन दौड़ पड़ा है और प्रियंका गांधी ऐसे ही लगी रहीं, तो इसका असर देखने को मिलेगा.
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