लखनऊ : उत्तर प्रदेश शासन के एक महत्वपूर्ण विभाग के रिकाॅर्ड में योगी सरकार के गठन के चार महीने बाद भी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य जानकारी गलत दर्ज हैं. यह हाल तब है जब केंद्र से लेकर राज्य सरकार डिजिटल इंडिया के तहत सब कुछ ऑनलाइन काम को बढ़ावा दे रही हैं. विभाग की वेबसाइट में ऐसी कई गलत जानकारी हैं जो सरकार के इस महत्वपूर्ण विभाग के अफसरों की कार्यशैली को उजागर करता है.
उत्तर प्रदेश सरकार के सबसे महत्वपूर्ण सचिवालय प्रशासन विभाग से कामकाज को आगे बढ़ाने का काम किया जाता है. मंत्रियों के कक्ष आवंटन से लेकर मंत्रियों के स्टाफ की तैनाती आदि का काम भी इसी विभाग के माध्यम से किया जाता है. सचिवालय प्रशासन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट sadup.gov.in. पर सरकार के मंत्रिमंडल की पूरी जानकारी गलत तरीके से दर्ज है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस वेबसाइट को सरकार बनने के 4 महीने बाद भी अपडेट नहीं किया जा सका है. ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. यही नहीं कोविड-19 संक्रमण से जिन मंत्रियों की मौत हो चुकी है उनके नाम भी इस ऑफिशियल वेबसाइट पर दर्ज हैं. ऐसे में डिजिटल इंडिया के सपने को किस प्रकार से उत्तर प्रदेश के सचिवालय प्रशासन विभाग से जुड़े अधिकारी चकनाचूर कर रहे हैं उसकी यह बानगी भर है.
सचिवालय प्रशासन विभाग की वेबसाइट में उप मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. दिनेश शर्मा अभी भी सरकार में हैं और सचिवालय प्रशासन की तरफ से उन्हें कक्ष भी आवंटित किया गया है. इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार से त्यागपत्र देकर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, धर्म सिंह सैनी जैसे मंत्रियों के नाम अभी भी दर्ज हैं. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष की शपथ ग्रहण करने वाले सतीश महाना का भी नाम सचिवालय प्रशासन की वेबसाइट पर अभी भी औद्योगिक विकास मंत्री के रूप में दर्ज है.