लखनऊ : प्रदेश में हाथीपांव के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. फाइलेरिएसिस के समुचित उपचार के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी संस्था “इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी, केरल” ने शुक्रवार को राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, लखनऊ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.
समझौते पर राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की ओर से प्रधानाचार्य प्रो. प्रकाश चन्द्र सक्सेना और इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी की ओर से डा. गुरु प्रसाद ने हस्ताक्षर किये. इस दौरान राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय लखनऊ को इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी की तकनीकी सहायता द्वारा हाथीपांव की समेकित चिकित्सा (आयुर्वेद व एलोपैथ) के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में विकसित करने के प्रारूप पर सहमति व्यक्त की गयी. दोनों संस्थानों ने हाथीपांव के उपचार के अतिरिक्त इस विषय पर विश्वस्तरीय शोध कार्य करने एवं उसके प्रकाशन किये जाने पर भी सहमति व्यक्त की.
उत्तर प्रदेश में हाथीपांव के रोगियों के समुचित उपचार की कठिनाइयों को देखते हुये इन सुविधाओं को विकसित करने के लिये विश्व की अग्रणी लाभकारी संस्था बिल एवं मेलिंडा गेट फाउंडेशन ने भी इस प्रस्ताव के साथ जुड़ने पर सहमति व्यक्त की है. इस समूचे कार्यक्रम की निगरानी इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड डर्मेटोलॉजी के निदेशक डॉ. एसआर नरहरी तथा राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय लखनऊ की ओर से प्रो. संजीव रस्तोगी द्वारा की जायेगी.