उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

छह माह तक शिशु के लिये मां का दूध बहुत जरूरी : डॉ रेखा सचान - मां का दूध

अगस्त के पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह (world breastfeeding week) मनाया जाता है. इस दौरान शहर के सभी महिला अस्पतालों में तमाम जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. इसको लेकर अस्पतालों में कुछ प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 6, 2022, 7:41 PM IST

लखनऊ : अगस्त के पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह (world breastfeeding week) मनाया जाता है. इस दौरान शहर के सभी महिला अस्पतालों में तमाम जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. इस दौरान ओपीडी में आने वाली सभी महिलाओं को स्तनपान से जुड़े सभी फायदों के बारे में बताया जा रहा है. यहां तक की अस्पतालों में कुछ प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं.

क्वीन मेरी अस्पताल की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ (senior gynecologist) डॉ रेखा सचान ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए मां के दूध का कोई विकल्प नहीं है. स्तनपान से न सिर्फ बच्चे स्वस्थ रहते हैं, बल्कि मां से उनका भावनात्मक लगाव भी बढ़ता है. हर मां को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए स्तनपान के महत्व को समझना होगा. उन्होंने कहा कि स्तनपान को लेकर जागरूकता के लिए एक से 7 अगस्त में विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) घोषित किया गया है, जिसका फायदा दिख रहा है. 2005 में स्तनपान कराने का अनुपात देश मे 46 फीसद था जो बढ़कर 64 फीसद हो गया है. उन्होंने बताया कि मां को दूध नहीं उतरने पर बच्चे को सीने से लगाएं. बच्चे के स्पर्श मात्र से मां को दूध उतरना शुरू हो जाता है. मां का दूध शिशु के इम्युनिटी को मजबूत करता है.

बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

डॉ. रेखा ने कहा कि जन्म से लेकर 6 महीने तक बच्चों को हर डेढ़ घंटे से तीन घंटे के अंतराल में दूध पिलाते रहना चाहिए. इसे इस तरह से भी कहा जा सकता है कि जितनी जरूरत उतना दूध. छह महीने तक बच्चे को पानी ग्राइप वाटर या घुट्टी की जरूरत नहीं होती है. बच्चे का पेट अच्छे से भरा होगा तभी वह कम रोएगा और आराम से सो पाएगा. यदि किसी कारण से बच्चा दूध पीने के बाद भी लगातार रोता है, तो इसका मतलब है उसका पेट मां के दूध से नहीं भर पा रहा है. ऐसी स्थिति में चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए.
यह भी पढ़ें : लखनऊ यूनिवर्सिटी में शिक्षक कर रहे बायोमेट्रिक अटेंडेंस का विरोध, यह है मामला

इस दौरान उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल महिलाओं को नहीं करना चाहिए. बहुत ही ज्यादा गंभीर हालत में डॉक्टर की सलाह पर ही ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करें. ज्यादातर कोशिश करें कि बच्चे को स्तनपान कराएं. मां का गाढ़ा दूध बच्चों को तमाम बीमारियों से बचाता है. यहां तक कि बच्चों की इम्युनिटी भी इसी बात पर निर्भर करती है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details