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कांग्रेस में बढ़ने लगी कई विधानसभा सीटों पर महिलाओं की दावेदारी - यूपी विधानसभा चुनाव 2022

कांग्रेस पार्टी में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने की घोषणा करने के बाद लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से कई पर महिला नेत्रियों ने भी अपना दावा ठोक दिया है. ऐसे में अब पहले से ही चुनाव की तैयारी कर अपना टिकट कन्फर्म समझ रहे तमाम नेताओं को अब टिकट कटने का डर सताने लगा है.

women claim congress ticket on many assembly seats of lucknow
women claim congress ticket on many assembly seats of lucknow

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Published : Nov 8, 2021, 5:36 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अभी तक पुरुषों की तुलना में महिलाओं की भागीदारी प्रत्याशी के रूप में काफी कम रहती थी. प्रियंका ने महिलाओं को टिकट देने का एलान किया तो लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर महिला उम्मीदवारों ने अपना दावा ठोक दिया. अगर लखनऊ विधानसभा सीटों की बात करें, तो यहां पर भी महिला प्रत्याशियों ने कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए जमकर आवेदन किए हैं.

जानकारी देते कृष्णकांत पांडेय



लखनऊ संसदीय क्षेत्र में कुल नौ विधानसभा सीटे हैं. इनमें सात सीटें शहरी क्षेत्र की तो दो सीटें ग्रामीण क्षेत्र में आती हैं. शहर की सीटों में लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ पश्चिम, लखनऊ मध्य, कैंट, सरोजिनी नगर और बक्शी का तालाब शामिल हैं. इसके अलावा मलिहाबाद और मोहनलालगंज विधानसभा सीटें ग्रामीण क्षेत्र में आती हैं. इनमें से ज्यादातर सीटों पर महिला प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी ठोक दी है.



लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट से अनु पांडेय, लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस नेत्री सदफ जफर, वंदना सिंह, डॉ. अर्चना छाबड़ा, पश्चिमी विधानसभा सीट से रफत फातिमा, आयशा सिद्दीकी, गुंजन गुप्ता दावेदारों में शामिल हैं. इसके अलावा सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से अमिता पारुल ने दावेदारी ठोकी है. बक्शी का तालाब विधानसभा सीट से शीला मिश्रा, तो मलिहाबाद विधानसभा सीट से रेखा रावत ने उम्मीदवारी पेश की है. मोहनलालगंज से मंजू दीप रावत, माधुरी पुष्कर और सिद्धिश्री ने, तो वहीं कैंट विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट से मीनाक्षी कौल को कांग्रेस पार्टी अपना प्रत्याशी बना सकती है.



कांग्रेस पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था. कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में कुल 16 सीटों पर महिला प्रत्याशी मैदान में उतारी थीं. इनमें से सिर्फ आराधना मिश्रा 'मोना' और अदिति सिंह कांग्रेस पार्टी से विधायक बनने में सफल रही थीं. पिछले साल हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्नाव से आरती वाजपेई को महिला उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा था.



कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय ने कहा कि देश में राष्ट्रपति का पद रहा हो, प्रधानमंत्री का पद रहा हो, राज्यपाल का पद रहा हो और तमाम संवैधानिक पदों पर सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने ही महिलाओं को सम्मान दिया है. हर वर्ग, हर जाति, हर धर्म को सम्मान देने का काम केवल कांग्रेस ने किया है. आज यह सही है कि प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञा के बाद महिलाओं की दावेदारी बढ़ी है और सभी समाज में कार्य करने वाली अच्छी महिलाएं हमारे बीच आ रही हैं. वह टिकट की दावेदारी कर रही हैं और उनकी यह दावेदारी निश्चित रूप से हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व देखेगा और उस दावेदारी पर निर्णय लेगा. 40 परसेंट महिलाएं जैसा प्रियंका गांधी का वादा है, वह विधानसभा चुनाव में जरूर लड़ेंगी.


कांग्रेस पार्टी में महिला उम्मीदवारों की बढ़ती तादाद को लेकर राजनीतिक विश्लेषक योगेश मिश्रा ने कहा कि ये अच्छी बात है कि कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह की घोषणा की है. महिलाएं समाज में आगे बढ़ रही हैं और महिलाओं को आगे बढ़ना भी चाहिए. राजनीति में भी वे आगे आएं अच्छी बात है, लेकिन साथ ही हमें पूर्व में महिलाओं को आरक्षण दिया गया था उसकी भी समीक्षा कर लेनी चाहिए कि उससे कितना लाभ मिला. कहा जाता है कि महिला के सशक्त होने से दो से तीन पीढ़ियां तक सुधर जाती हैं.

योगेश मिश्रा ने कहा कि जब राजीव गांधी ने पंचायत राज लागू किया था और महिलाओं के आरक्षण की बात हुई थी. उसके बाद अब महिला आरक्षण को लेकर कोई न कोई विश्लेषण होना चाहिए. विश्लेषण और स्टडी तो आरक्षण पर भी होनी चाहिए. आखिर हमने महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिया, वो कितनी प्रगति कर सकीं. आज भी महिलाओं में प्रधान पति मिल जाएंगे, ब्लाक प्रमुख पति मिल जाएंगे. ऐसे में आरक्षण की भी समीक्षा होनी चाहिए. 40 फीसदी महिलाओं को टिकट आरक्षण का सवाल अच्छा है.

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लोहिया जी कहते थे कि किसी परिवार की महिला सशक्त और स्वाबलंबी हो गई, तो दो-तीन पीढ़ियां ठीक हो जाती हैं. ऐसे में जो महिलाएं टिकट मांग रही हैं. वह बनाना चाहती हैं विधायक पति, सांसद पति तो उससे बचा जाना चाहिए. अगर वह खुद सक्रिय होकर समाज के लिए काम करना चाहती हैं, तो समाज के लोगों का मार्गदर्शन करेंगी. उनकी समस्याओं को लड़ेंगी, तो उन्हें टिकट मिलना चाहिए.


कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता और पश्चिम विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी रफत फातिमा का कहना है कि प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए बड़ी पहल की है. कांग्रेस का इतिहास ही महिलाओं को सम्मान देने का रहा है. जिस तरह से सोनिया गांधी हमारी महिला अध्यक्ष हैं, प्रियंका गांधी हमारी राष्ट्रीय महासचिव हैं. आराधना मिश्रा नेता विधानमंडल दल हैं. यह हमारी पार्टी की परंपरा रही है कि महिलाओं को सम्मान दिया जाए.

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रफत फातिमा ने कहा कि प्रियंका गांधी ने महिलाओं को टिकट देने की पहल की है. यह महिलाओं को सशक्त करने की एक पहल है. महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की पहल है. साथ ही महिलाओं को सम्मान देने की एक पहल है. वर्तमान सरकार को देखें तो सम्मान देने की बात करती है लेकिन सम्मान दे नहीं रही है. प्रियंका गांधी की यह पहल बहुत सराहनीय है और महिलाओं में इसी जज्बे की वजह से वे आवेदन कर रही हैं. प्रियंका के इस कदम का हम खैरमकदम करते हैं.

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