लखनऊ : वर्ल्ड बैंक द्वारा सोमवार को प्राकृतिक खेती पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि कृषि विभाग द्वारा पिछले एक महीने में कई कार्यक्रम आयोजित हुए. इस दौरान गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि कम लागत में ज्यादा उत्पादन कैसे हो, भारत जैसे देश मे ऋषि और कृषि एक साथ जुड़े हुए थे.
सीएन ने कहा कि दो वर्ष पहले हमने कानपुर में प्राकृतिक खेती पर कार्यक्रम किया था. उसके परिणामस्वरूप आज प्राकृतिक खेती में जागरूकता आई. हमारे कृषि वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसानों के साथ मिलकर कार्य करें तो ये बहुत लाभप्रद होगा. देश की सबसे उर्वरा भूमि, जल संसाधन हमारे पास है. देश की 11 से 12 फीसदी कृषि भूमि हमारे पास है. देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 20 फीसद उत्पादन उत्तर प्रदेश कर रहा है. मुख्यमंत्री आवास पर ऑनलाइन हुये कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि बचपन में जब हम प्राकृतिक रूप से उगे फूलों को तोड़ते थे तो उसमें खुशबू आती थी. उत्तराखंड में पहले फूलों की घाटी में खुशबू आती थी, लेकिन आज केमिकल युक्त खेती से वो खुशबू गायब हो गई है.
उन्होंने कहा कि हरित क्रांति की वजह से खाद्यान्न उत्पादन तो हुए, लेकिन स्वाद गायब हो गया है. हमें प्राकृतिक खेती की ओर फिर से जाना होगा. प्रधानमंत्री ने इस पर काफी जोर दिया है. केंद्रीय बजट में प्राकृतिक खेती को स्थान दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार गंगा-यमुना के दोनों तटों के 5 किलोमीटर इलाके को प्राकृतिक खेती के रूप में विकसित करने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि कृषि खेती के साथ रोजगार सृजन भी एक माध्यम है. सब्जी उत्पादन, फल उत्पादन, सब उदाहरण हैं. गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश सबसे नम्बर एक है. लोग खेती के साथ जुड़कर रोजगार भी प्राप्त कर रहे हैं.