लखनऊ: विधानसभा चुनाव की चल रही प्रक्रिया के अंतर्गत गुरुवार को छठवें चरण के चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई. शाम 6:00 बजे तक अभी तक मिले आंकड़े के अनुसार करीब 55 फीसद मतदान हुआ है. छठवें चरण में पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना करें तो कई तरह के सियासी समीकरण बनते बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं.
पिछले दो विधानसभा चुनाव के छठवें चरण से तुलना करने पर पता चलता है कि पिछली बार मत प्रतिशत में अंतर से उत्तर प्रदेश में तमाम सियासी उलटफेर देखने को मिले थे. 2012 के विधानसभा चुनाव के छठे चरण में 55.19 मतदान हुआ था जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव के छठे चरण में 56.52 फीसदी मतदान हुआ था जो 2012 की तुलना में करीब डेढ़ फीसदी अधिक था. इस डेढ़ फीसदी अधिक हुए मतदान में उत्तर प्रदेश में तमाम तरह के सियासी उलटफेर किए थे.
2012 विधानसभा चुनाव के छठवें चरण में समाजवादी पार्टी को 32 सीटें मिली थीं और जब 2017 के विधानसभा चुनाव हुए तो समाजवादी पार्टी 32 सीटों से घटकर 2 सीटों पर आकर सिमट गई थीं. वहीं, 2012 के विधानसभा चुनाव के छठवें चरण में भारतीय जनता पार्टी के पास मात्र 8 सीटें मिली थीं. वहीं, 2017 के छठे चरण के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी बढ़त बनाते हुए 46 सीटों पर अपना कब्जा करने में कामयाबी हासिल की थीं. बीजेपी गठबंधन के साथ अपना दल और सुहेलदेव समाज पार्टी को एक-एक सीट मिली थी. यानी बीजेपी गठबंधन को 48 सीटें मिली थीं. इसके अलावा 2012 के विधानसभा चुनाव के छठवें चरण में बहुजन समाज पार्टी को 9, कांग्रेस पार्टी को 5 सीट, पीस पार्टी को 2 और निर्दलीय के खाते में 1 सीट आई थी. वहीं, 17 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को 5 सीटें मिली थीं तो कांग्रेस पार्टी को मात्र एक सीट मिल पाई थी. निर्दलीय के खाते में एक सीट ही पहुंची थी.
2017 विधानसभा चुनाव के छठवें चरण में सीटों की स्थिति
भाजपा गठबंधन 48 (भाजपा 46, अपना दल एक, सुभासपा एक)
सपा- 2
बसपा- 5
कांग्रेस- 1
निर्दलीय- 1
2012 विधानसभा चुनाव के छठवें चरण में सीटों की स्थिति
सपा- 32
भाजपा- 8
बसपा -9
कांग्रेस-5
पीस पार्टी- 2
निर्दलीय- 1
सीएम सहित इन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
छठे चरण के चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गृह जिले गोरखपुर की गोरखपुर सदर सीट से चुनावी मैदान में हैं. योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनावी मैदान में हैं. समाजवादी पार्टी ने योगी आदित्यनाथ की घेराबंदी करने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे दिवंगत उपेंद्र दत्त शुक्ल की पत्नी सुभावती शुक्ला को चुनावी मैदान में उतारा है. इसी तरह योगी सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही देवरिया की पथरदेवा सीट से चुनाव मैदान में हैं और सूर्य प्रताप शाही के खिलाफ समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी ताल ठोक रहे हैं.
इसी तरह योगी सरकार में मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय मैदान में ताल ठोक रहे हैं. ऐसे में इस सीट पर भी चुनाव काफी दिलचस्प बना हुआ है. इसी तरह योगी सरकार में मंत्री जय प्रताप सिंह सिद्धार्थनगर की बांसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी ने युवा चेहरे नवीन दुबे पर भरोसा जताया है. इसी प्रकार योगी सरकार में मंत्री श्रीराम चौहान गोरखपुर की खजनी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. मंत्री उपेंद्र तिवारी बलिया की फेफना सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री संग्राम सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं.