लखनऊ: सेवा में रहने के दौरान मृत व्यक्ति के नाम का सिम प्रयोग करने, पद का दुरुपयोग कर जनपदों में नियुक्त तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल से संपर्क कर स्थानांतरण और जांच में मदद करने के लिए आर्थिक लाभ लेने समेत अन्य संगीन भ्रष्टाचार के आरोपों में अभियुक्त राजस्व परिषद चेयरमैन के निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल की अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने मंगलवार को पारित किया. कोर्ट में सरकारी वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए बताया कि कैसरबाग में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराकर वादी ने बताया था कि आरोपी विवेकानंद राजस्व परिषद में निजी सचिव था तथा 31 मार्च 2022 को रिटायर हो गया. कहा गया कि सेवाकाल में आरोपी ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तैनात तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल से संपर्क कर उनके जांच और स्थानांतरण में अपने संपर्कों का हवाला देकर उनसे छल करते हुए आर्थिक लाभ लिया.