लखनऊ : राजधानी में वायरल फीवर से पीड़ित मरीज अस्पताल की ओपीडी में भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. इस दौरान चर्म रोग विभाग में 40 फीसदी मरीजों की संख्या बढ़ गई है. वहीं 60 से 70 फीसदी वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों की संख्या ओपीडी में बढ़ी है. इस मौसम में ज्यादातर लोग त्वचा संबंधित बीमारियों से पीड़ित हैं, वहीं बहुत सारे मरीज डायरिया, टाइफाइड, कालरा से पीड़ित हैं. हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल की ओपीडी में 3,871 मरीजों का इलाज किया गया.
सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ. एके श्रीवास्तव बताते हैं कि आम दिनों की तुलना में इधर बीच मरीजों की संख्या बढ़ गई है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मानसून के मौसम में बारिश अच्छी तरह से नहीं हो रही है. बहुत सारे लोग गंदे पानी के चलते बीमार पड़ रहे हैं. यही कारण है कि उन्हें डायरिया, हैजा, कालरा पकड़ रहा है. लखनऊ के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर आम पब्लिक को पीने के लिए स्वच्छ पानी तक नहीं मिलता है. बरसात के मौसम में सीवर का गंदा पानी पाइप लाइन में जाता है. अस्पताल की ओपीडी में रोजाना दो हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. वही इमरजेंसी में भी वायरल फीवर से पीड़ित काफी सीरियस केस आ रहे हैं.
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश अहिरवार ने बताया कि गर्मी व उमस के कारण पसीने से खुजली, दाद-खाद शुरू हो जाता है. यह काफी ज्यादा खतरनाक भी होता है, क्योंकि अगर किसी को एक बार खुजली या दाद-खाद की बीमारी हो जाए तो इसके निशान एक लंबे समय तक रहते हैं. इसका सही तरीके से ट्रीटमेंट लेना जरूरी होता है. इसके अलावा इसका छह महीने का कोर्स भी होता है. डॉ. सुरेश बताते हैं कि अस्पताल की त्वचा रोग विभाग की ओपीडी में इस समय 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. ज्यादातर मरीजों में फंगल इंफेक्शन की शिकायत है.