लखनऊ:उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की विद्युत सखी क्षमा शर्मा (chhama sharma in bulanshahr) ने न केवल विद्युत सखी योजना से जुड़कर अपने परिवार की आय बढ़ाई, बल्कि प्रदेश की अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल भी बनीं. वह खुद तो स्वावलंबी बनीं ही साथ में गांव के अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं और योगी सरकारी की योजनाओं के बारे में लोगों को बता रही हैं.
बुलंदशहर की क्षमा (bulanshahr vidyut sakhi chhama sharma) ने बताया कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर बिजली का बिल जमा करती हैं, जिससे ग्रामीणों का समय तो बचता ही है साथ ही लंबी लाइन से उन्हे छुटकारा भी मिल जाता है. क्षमा शर्मा के अनुसार वह अब तक 17,513 बिल एकत्र कर चुकी हैं, जिसका 3.81 करोड़ रुपये का भुगतान यूपीपीसीएल को कर चुकी हैं. साथ ही कमीशन के रूप में कुल 4,62,863 रुपये कमाए हैं. क्षमा बताती हैं कि वह स्वयं सहायता समूह के जरिए विद्युत सखी बनी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैंकिंग सखी की तर्ज पर हम लोगों को बिजली सखी से जोड़कर हमारे जीवन को खुशहाल बना दिया है. वह इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद देती हैं. आज वह बिजली का बिल जमा कराकर उससे मिलने वाले कमीशन से अपने परिवार का बखूबी ख्याल रखती हैं. इससे उनकी और उनके परिवार की आय में वृद्धि हुई है.
उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति को सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का सीएम योगी का प्रयास रंग लाने लगा है. योगी सरकार द्वारा महिला स्वावलंबन के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर नारी शक्ति प्रदेश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं. इसी क्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 9288 विद्युत सखियों ने 226.3 करोड़ रुपये का बिजली बिल जमा कराकर 3.16 करोड़ रुपये कमीशन प्राप्त कर अपना और परिवार का जीवन रोशन किया है.
यूपी में विद्युत सखी योजना (vidyut sakhi yojana in up) को लेकर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन निदेशक भानू चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब तक स्वयं सहायता समूह से 15427 महिलाओं को चयनित किया जा चुका है, जिसमें से 9288 विद्युत सखियों ने कार्य शुरू कर दिया है. यह ग्रामीण और शहरी इलाकों में मीटर रीडिंग और बिजली के बिल का कलेक्शन कर रही हैं. इसके लिए उन्हें विद्युत सखी ऐप उपलब्ध कराया गया है, जिसमें वह लॉगिंग करके बिजली बिल बनाकर उसका कलेक्शन करती हैं और ऐप के जरिए ही यूपीपीसीएल को बिल का भुगतान करती हैं.