लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के वरिष्ठ और प्रदेश महामंत्री नेता विद्यासागर सोनकर (Vidyasagar Sonkar) प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में से एक हैं. वो आजकल दिल्ली में पार्टी और संघ के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करके अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.
वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर राष्ट्रीय महामंत्री संगठन तक कई बड़े नेताओं से मिल चुके हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि भाजपा इस बार दलित चेहरे को प्रदेश संगठन के नेतृत्व का मौका दे सकती है. इसके लिए विद्यासागर सोनकर को सबसे उपयुक्त चेहरा माना जा रहा है.
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को सभी जाति और वर्गों का वोट मिला. खासतौर पर दलित समुदाय ने भाजपा पर जमकर विश्वास जताया. इसी का नतीजा रहा कि दलितों की पार्टी कही जाने वाली बहुजन समाज पार्टी का प्रदेश की राजनीति से पूरी तरह सफाया हो गया. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यह चाहता है कि किसी भी सूरत में दलित वोट बैंक पार्टी से दूर न जाए. हाल ही में बनी प्रदेश सरकार में ब्राह्मण और पिछड़ी जाति के चेहरों को उप मुख्यमंत्री बनाकर इन वर्गों को संदेश दिया है. ऐसे में यदि दलित वर्ग से किसी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष का पद मिलता है, तो यह वर्ग भी संतुष्ट होगा.
विद्या सागर सोनकर को प्रबल दावेदार इसलिए भी माना जा रहा है कि वह भाजपा के पुराने और मंझे हुए नेता हैं. उन्होंने बूथ स्तर से राजनीति में कदम रखा था और कई वर्षों से संगठन का काम कर रहे हैं. जनता में और कार्यकर्ताओं में भी उनकी अच्छी पकड़ है. ऐसा माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व भी उन्हें पसंद करता है. यही कारण है कि उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है. अन्य दलित चेहरे जिनके नाम भी चर्चा में हैं, उनमें लक्ष्मण आचार्य और प्रोफेसर राम शंकर कठेरिया के नाम शामिल हैं. इनके अलावा गैर दलित नामों में सतीश गौतम, सुब्रत पाठक और डॉ. दिनेश शर्मा का नाम भी चर्चा में हैं.