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लखनऊ: यूएक्सओ हैंडलिंग रोबोट वायुसेना में होगा शामिल, हर तरह के बम को कर सकता है डिफ्यूज

डीआरडीओ ने वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए हर तरह के बम को डिफ्यूज करने में सक्षम एक रोबोट तैयार किया है. यह यूएक्सओ हैंडलिंग रोबोट है, जो हजार किलोग्राम तक के बम को हैंडल और डिफ्यूज कर सकता है. तमाम खासियतों से लैस यह रोबोट जल्द ही भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा.

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यूएक्सओ हैंडलिंग रोबोट.

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Published : Feb 7, 2020, 11:00 AM IST

लखनऊ: आने वाले दिनों में भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होने वाला है, जिसके चलते वायुसेना दुश्मन के हर इरादे पर पानी फेर देगी. वायुसेना को आने वाले दिनों में एक ऐसा अस्त्र मिलने वाला है, जो एयरफोर्स के लिए ब्रह्मास्त्र साबित होगा. डीआरडीओ ने हर तरह के बम को डिफ्यूज कर देने वाला एक रोबोट तैयार किया है. तमाम खासियतों से लैस यह रोबोट जल्द ही भारतीय वायु सेना में शामिल होगा.

जानकारी देते डीआरडीओ वैज्ञानिक मृदुकांत पाठक.

डीआरडीओ के वैज्ञानिक मृदुकांत पाठक ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अनेक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस रोबोट की विशेषताओं के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि यूएक्सओ हैंडलिंग यह रोबोट एक हजार किलोग्राम तक के बम को हैंडल और डिफ्यूज कर सकता है. यह पहला ऐसा रोबोट है, जो इतने बड़े बम को एक साथ हैंडल और डिफ्यूज कर सकता है. इसमें 7 एक्सिस मैनिपुलेटर आर्म में कटिंग मैकेनिज्म है.

अत्याधुनिक तकनीक से लैस है यह रोबोट
कटिंग मैकेनिज्म बम के सेल से फ्यूज को कट करके अलग कर देता है. इससे बम निष्क्रिय हो जाता है या कई सारे कट निकाल देता है, जिससे कोई भी बम विस्फोट ज्यादा प्रभावशाली नहीं रह जाता है और कम से कम नुकसान होता है. इसका एक कैरियर व्हीकल कम मास्टर कंट्रोल स्टेशन होता है, जिसे ट्रक पर ले जाते हैं और दो किलोमीटर दूर से इसे ऑपरेट करते हैं.

इसमें लगे मल्टीपल कैमरा से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. लोडर प्लेटफॉर्म पर बने होने की वजह से यह किसी भी जगह पर आसानी से जा सकता है. साथ ही एक हजार किलोग्राम भार तक आसानी से उठा सकता है. इसमें वाटर जेट से कोल्ड कटिंग की जाती है, जिससे इसमें स्पार्क नहीं होता है और बम के फटने की संभावना न के बराबर रहती है.

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भारतीय वायुसेना ने पहले ही इसका टेस्ट पूरा कर लिया है. बहुत जल्द यह भारतीय वायु सेना के साथ इस इक्विपमेंट को देखा जा सकेगा. अभी भारतीय वायुसेना ट्रायल के लिए 20 रोबोट लेगी, जिसके बाद जितनी जरूरत होगी, उसी हिसाब से इसे लिया जाएगा.

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