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क्या उत्तराखंड में यूपी पुलिस से हुई थी चूक, जानिए क्या कहते हैं पूर्व पुलिस अधिकारी - खनन माफिया की गिरफ्तारी

उत्तराखंड के काशीपुर में 12 अक्टूबर को मुरादाबाद पुलिस खनन माफिया की गिरफ्तारी (mining mafia arrested) के लिये दबिश देने गई थी. इस दौरान पुलिस व माफिया के साथियों के साथ हुई नोकझोंक के बीच महिला की मौत के मामले में अब उत्तराखंड पुलिस यूपी पुलिस पर कई गम्भीर आरोप लगा रही है.

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Published : Oct 14, 2022, 3:38 PM IST

लखनऊ : उत्तराखंड के काशीपुर में 12 अक्टूबर को मुरादाबाद पुलिस खनन माफिया की गिरफ्तारी (mining mafia arrested) के लिये दबिश देने गई थी. इस दौरान पुलिस व माफिया के साथियों के साथ हुई नोकझोंक के बीच महिला की मौत के मामले में अब उत्तराखंड पुलिस यूपी पुलिस पर कई गम्भीर आरोप लगा रही है. आरोप है कि बिना सूचना दिये और बिना वर्दी में आकर मुरादाबाद पुलिस ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर एक महिला की हत्या कर दी. मुरादाबाद पुलिस की गाड़ी और हत्या में इस्तेमाल किए हथियार बरामद कर लिए गए. इसके बाद अब यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या सच में यूपी पुलिस से इस दबिश में चूक हुई है.

यूपी के पूर्व डीजीपी एके जैन कहते हैं कि, मुझे नहीं लगता कि यूपी पुलिस से कोई चूक हुई है. वह कहते हैं कि उत्तराखंड पुलिस यह आरोप लगा रही है कि इंफॉर्मेशन नहीं दी, लेकिन मुरादाबाद पुलिस कह रही है कि हमने संबंधित थानों को यह सूचना दी कि हम पीछा कर रहे हैं, तमाम जानकारी साझा की बालू माफिया के घर पर अपराधी छिपा था. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस गैर जिम्मेदारना बयान दे रही है. अभी तक महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई नहीं तो कैसे कह दिया की यूपी पुलिस ने हत्या की है, अगर मुरादाबाद पुलिस फायरिंग करती तो कई लोगों की जान गई होती.

पूर्व डीजीपी एके जैन




जैन कहते हैं कि जिस इलाके में मुरादाबाद पुलिस ने दबिश दी थी वहां पर सरदारों का वर्चस्व है. अब उत्तराखंड पुलिस किसके दबाव में इतना बड़ा आरोप लगा रही है, यह नहीं कहा जा सकता है. यूपी पुलिस गैरकानूनी काम नहीं करने गई थी. वहां उनको तलाशी लेनी थी. इंस्ट्रक्टर वहां पर मौजूद था, उसको भी गोली मारी गई.

पूर्व डिप्टी एसपी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी




दबिश के दौरान वर्दी पहनना नहीं है जरूरी :लंबे समय से क्राइम ब्रांच में रह चुके पूर्व डिप्टी एसपी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी कहते हैं कि यह उत्तराखंड पुलिस की बदमाशी है. क्राइम ब्रांच, एसटीएफ और भी कई यूपी पुलिस की विंग्स हैं जो अपराधियों की धरपकड़ के लिए दबिश डालने व ड्यूटी करते समय वर्दी नहीं पहनते हैं. मुरादाबाद पुलिस ने दबिश के दौरान अपना आईडी कार्ड दिखाया, वह बता रहे हैं कि वह पुलिस है तो मानना चाहिए था. कई पुलिसकर्मी ऐसे होते हैं जो भेष बदलकर छापेमारी करते हैं, अपराधी को पकड़ते हैं. क्या वह पुलिस नहीं होती है? अगर वर्दी में पुलिस जाती है तो अपराधी भाग जाते हैं. ऐसे में उत्तराखंड पुलिस का यह कहना कि मुरादाबाद पुलिस वर्दी में नहीं आई थी बेईमानी है.





क्या कह रही उतराखंड पुलिस :कुमाऊ रेंज के डीआईजी नीलेश आनंद ने कहा कि मुरादाबाद पुलिस बिना सूचना दिए उत्तराखंड में आई. यहां ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर एक महिला की हत्या कर दी. उनकी गाड़ी और हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार बरामद कर लिए हैं. उन्होंने कहा कि वो रात में बिना वर्दी के आये थे और इस तरह रेड नहीं होती है. मुरादाबाद पुलिस ने संगीन अपराध किया है, इसलिये हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.





डीआईजी मुरादाबाद शलभ माथुर ने कहा कि 50 हजार का इनामी जफर उस घर में जाकर छिपा था. हमारी टीम ने उसे हवाले करने को कहा, लेकिन उल्टा भीड़ ने हमारी टीम को बंधक बना लिया. बंधक बनाकर पीटा और फिर पुलिस वालों ने भागने की कोशिश की तो उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी थीं.

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SDM ठाकुरद्वारा परमानंद सिंह और खनन इंस्पेक्टर अशोक कुमार की टीम ने बीती 13 सितंबर को काशीपुर-ठाकुरद्वारा रोड पर तिकोनिया के पास चेकिंग के दौरान उपखनिज लदे पांच डंपर पकड़े थे. खनन माफियाओं ने एसडीएम और खनन इंस्पेक्टर पर हमलाकर चार डंपर छुड़ा लिए थे. खनन इंस्पेक्टर की तहरीर पर पांच नामजद समेत 150 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. डीआईजी मुरादाबाद शलभ माथुर ने जांच के दौरान प्रकाश में आए 19 आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था.

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