लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर राज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश में राजस्व संग्रह की स्थिति की समीक्षा की. इस अवसर पर यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने सभी जोन कमिश्नरों से उनके प्रभार वाले ज़ोन में जीएसटी में व्यापारियों की पंजीयन स्थिति, जीएसटी और वैट संग्रह, कर चोरी रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों आदि की जानकारी ली. वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजस्व संग्रह के लिए जोनवार लक्ष्य की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने लक्ष्य प्राप्ति के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग जोन के राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पेट्रोल व डीजल पर सबसे कम वैट की दर उत्तर प्रदेश में है. निकट भविष्य में भी वैट में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.
- सीएम ने कहा कि नियोजित प्रयासों से प्रदेश के राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हुई है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश का कुल राजस्व संग्रह ₹58,700 करोड़ था जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर लगभग ₹1 लाख करोड़ हो गया है. चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लक्ष्य ₹31,786 करोड़ के सापेक्ष ₹32,386 करोड़ का संग्रह है. यह स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है. यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, लोक कल्याणकारी कार्यों में व्यय होगा. प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं. चालू वित्तीय वर्ष के लिए ₹1.50 लाख करोड़ के जीएसटी और वैट संग्रह लक्ष्य के अनुरूप राजस्व प्राप्ति के लिए ठोस कोशिश की जाये.
- सीएम ने कहा कि राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए शासन स्तर से फील्ड के अधिकारियों को साप्ताहिक टारगेट दिया जाए. इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाए. किस ज़ोन में छापेमारी की कितनी कार्रवाई हुई, कितना राजस्व संग्रह हुआ, सबकी रिपोर्ट तैयार की जाए. मैं स्वयं मासिक बैठक कर जोनवार समीक्षा करूंगा.
- जीएसटी कंजप्शन आधारित कर प्रणाली है. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद एवं प्रति व्यक्ति आय तथा देश की जीडीपी की वृद्धि दर के दृष्टिगत ही राजस्व प्राप्ति होता है. कंजप्शन में वृद्धि के लिए नियोजित प्रयासों की जरूरत है. प्रदेश में इसके लिए अनुकूल माहौल है.
- राज्य कर विभाग द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. सतत प्रयासों से वर्तमान में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 26 लाख से अधिक हो गई है. आगामी 06 माह में इसे 30 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर काम करें.
- व्यापारियों को जागरूक करते हुए अधिकाधिक व्यापारी बंधुओं को जीएसटी में पंजीकृत कराया जाए. व्यापारियों को जीएसटी पंजीयन व रिटर्न दाखिल करने के फायदों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए. छोटे कस्बों में गोष्ठियां आयोजित करें. गोरखपुर और बस्ती मंडल जैसे कई क्षेत्रों में अभी जागरूकता का अभाव है. इसके लिए फील्ड स्तर के अधिकारियों को विशेष प्रयास करना होगा.