लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन के एक तुगलकी फरमान से हजारों ड्राइवर और कंडक्टरों की जान आफत में पड़ गई है. उन्हें नौकरी जाने का खतरा लगने लगा है. दरअसल, रोडवेज के सीजीएम (प्रशासन) ने एक आदेश जारी किया है कि चेकिंग के दौरान ड्राइवर-कंडक्टरों के वर्दी में न पाए जाने पर उन पर 300 जुर्माना लगेगा. इसके बाद भी नहीं सुधरे तो संविदाकर्मी की संविदा खत्म कर दी जाएगी, वहीं नियमित कर्मी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. अब चालक-परिचालकों के सामने समस्या यह है कि रोडवेज प्रशासन की तरफ से साल भर पहले एक जोड़ी वर्दी तो दी गई जिसे लगातार साल भर पहनकर बस पर चलना संभव नहीं है. ऐसे में चेकिंग के दौरान अगर वर्दी में नहीं मिले तो जुर्माना भरना पड़ेगा साथ ही नौकरी जाने का खतरा बना भी बना रहेगा. उधर, रोडवेज यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्दी का कपड़ा दिया जा रहा है, सिलाई नहीं जा रही है. ऐसे में आखिर चालक-परिचालक करें भी तो क्या करें. विभाग को इस तरह के आदेश को वापस लेना होगा.
- वर्दी उपलब्ध कराने के बजाय कपड़ा दे रहा रोडवेज प्रशासन
- वर्दी की सिलाई नहीं मिलने से परेशान ड्राइवर-कंडक्टर
- कुछ भी बोलने को तैयार नहीं रोडवेज अधिकारी
- रोडवेज प्रशासन के फरमान से आफत में ड्राइवर-कंडक्टरों की जान
वर्दी के लिए दिया जा रहा कपड़ा, लेकिन नहीं मिल रही सिलाई
चालकों और परिचालकों के मुताबिक विभाग ने साल पहले एक जोड़ी वर्दी उपलब्ध कराई थी वह खराब होने लगी है, अब दूसरी वर्दी देने के बजाय अधिकारियों की तरफ से कपड़ा उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन, सिलाई ही नहीं दी जा रही है. ऐसे में अपने पैसे लगाकर वर्दी सिलाने में दिक्कत है. इतना वेतन नहीं है कि घर का खर्च भी चल जाए और वर्दी भी सिल जाए. ड्राइवर-कंडक्टरों की अधिकारियों से मांग है कि वर्दी की सिलाई दी जाए.
नौकरी जाने डर से कुछ लोगों ने अपने पैसे लगाकर सिलाई वर्दी
रोडवेज प्रशासन की तरफ से जारी फरमान के बाद कुछ चालक-परिचालकों ने अपने पैसे लगाकर ही वर्दी सिलानी भी शुरू कर दी है. उनका कहना है कि नौकरी चली जाएगी तो दिक्कत हो जाएगी. ऐसे में अपने पैसे लगाकर ही वर्दी सिला ली है. हालांकि, उनका कहना है कि संविदा कर्मी को इतना पैसा नहीं मिलता है कि वर्दी की सिलाई का खर्च उठा सके. विभाग को वर्दी देनी चाहिए थी, लेकिन अगर कपड़ा दे रहे हैं तो साथ में सिलाई भी देदें.
तत्कालीन एमडी ने साल में दो जोड़ी वर्दी देने का दिया था आदेश
परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक डॉ राजशेखर ने सभी चालक-परिचालकों को साल में दो जोड़ी वर्दी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था, लेकिन उनका तबादला हो गया और अब परिवहन निगम की तरफ से ड्राइवरों और कंडक्टरों को कपड़ा दिया जा रहा है और उन्हें खुद वर्दी सिलाने को कहा गया है.