लखनऊ: मंत्री स्वाति सिंह ने स्वयं सहायता समूह से गांव-गांव जाकर माहवारी के दिनों में नैपकिन का प्रयोग करने के लिए महिलाओं को जागरूक करने के लिए कहा. मंत्री स्वाति सिंह ने इस दौरान स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित वस्तुओं के लगाए गए स्टालों के भी देखा.
जानकारी देती महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री स्वाति सिंह सरोजिनी नगर ब्लॉक में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. "अस्तित्व एक पहचान" परियोजना के अंतर्गत 4000 किशोरियों और महिलाओं को माहवारी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जाएगा. यह कार्यक्रम माहवारी से जुड़ी गलत मान्यताओं एवं धारणाओं के बारे में समाज को जागरूक करेगा.
इस कार्यक्रम में महिलाओं के स्वास्थ्य एवं वातावरण की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए गए माहवारी उत्पादों का सुरक्षित निस्तारण एवं कम लागत वाले माहवारी के उत्पादों को आगे बढ़ाएगा. अस्तित्व परियोजना की उपलब्धियों का विस्तार करने के लिए टाटा वाटर मिशन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा एवं समूह स्वास्थ्य सखी आदि के लिए संवेदन कार्यशाला एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा.
जानकारी देती महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री स्वाति सिंह उद्घाटन समारोह में टाटा वाटर मिशन के सहयोग से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वावलंबन एवं आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से क्लॉथ पैड स्टिचिंग इकाई की स्थापना विकासखंड सरोजिनी नगर ब्लॉक ऑफिस में की गई.
ये भी पढ़ें- 2022 के विधानसभा चुनावों में यूपी समेत 4 राज्यों में सरकार बना सकती है भाजपा : सर्वे उद्घाटन के दौरान मंत्री स्वाति सिंह ने कहा की किसी भी महिला के लिए आवश्यक है कि वह माहवारी के दिनों में अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखें. देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान चला रहे हैं तो इस अभियान में महिलाओं को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. सबसे पहले उन्हें अपने स्वास्थ्य सुरक्षा की देखभाल को स्वच्छता के माध्यम से करनी चाहिए. मंत्री स्वाति सिंह ने बताया कि माहवारी के बारे में परिवार की महिलाओं को अपने बच्चियों से खुलकर बात करनी चाहिए तथा इसके बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए. समाज में माहवारी को लेकर जो मिथक फैला हुआ है उसे दूर करना चाहिए.
इसके लिए टाटा ट्रस्ट ने सराहनीय शुरुआत की है. इसमें गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित करके गांव-गांव जाकर महिलाओं को माहवारी के दिनों में नैपकिन का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके साथ ही टाटा ट्रस्ट समूह स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी.