लखनऊ: यूपी की एक्सपर्ट कमेटी ने अगस्त से अक्टूबर की बीच में तीसरी लहर की आशंका जताई है. इस बार बच्चों को कोरोना वायरस से अधिक खतरा है. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू), नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग बच्चों के लिए आईसीयू बनाने में जुट गया है. राजधानी के केजीएमयू में 100 बेड, लोहिया संस्थान में 100 बेड का पीआईसीयू तैयार हो गया है. वहीं पीजीआई में 100 में से 50 बेड तैयार हो गए हैं. इसके अलावा सिविल अस्पताल में 30 बेड और लोकबंधु अस्पताल में 30 बेड का पीआईसीयू बनकर तैयार हो गया है.
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, पीडियाट्रिक ICU तैयार - अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल
उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर भले हो थम गई है, लेकिन तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में सरकार ने जहां ऑक्सीजन को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने में जुट गया है. ऐसे में कई अस्पताल हैं, जहां गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज अब मुमकिन हो गया है, तो कुछ अस्पतालों में जीवन रक्षक उपकरण लगाने का काम चल रहा है.
बच्चों को भर्ती करने की व्यवस्था
डीजी हेल्थ डॉ डीएस नेगी के मुताबिक हर जिले की चार सीएचसी पर बच्चों को भर्ती करने की व्यवस्था होगी. यहां 10-10 बेड आरक्षित किए गए हैं. इसी तरह जिला अस्पतालों में 40 बेड और मंडल मुख्यालय पर 80 बेड गंभीर रूप से बीमार बच्चों को भर्ती करने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड उपलब्ध होंगे. इसमें से 50 फीसदी बेड एचडीयू-आईसीयू वाले होंगे. इन पर वेंटीलेटर, बाईपैप (BiPAP), एचएफएनसी जैसे जीवन रक्षक उपकरण होंगे.
इलाज के लिए 6300 बेड तैयार
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक बच्चों के इलाज के लिए कुल 6700 बेड तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें से 6,324 बेड तैयार हो गए हैं. जुलाई में 6,700 बेड्स पर इलाज की व्यवस्था पूरी हो जाएगी.