लखनऊ:एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि इसके लिए सरकार की ओर से छह सौ करोड़ खर्च कर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है. इसके माध्यम से सरकार का फोकस अधिक से अधिक रोजगार और स्वरोजगार के सृजन पर है. एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने और निवेश बढ़ाने के लिए सरकार जल्द ही एमएसएमई की नई नीति भी लाने वाली है.
योगी सरकार में प्रदेश के 70 साल के इतिहास में पहली बार बड़े पैमाने पर औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाओं और सेवाओं में वृद्धि की जा रही है. सरकार की ओर से नए औद्योगिक आस्थानों के विकास के लिए चार जिलों प्रयागराज, प्रतापगढ़, अलीगढ़ और महोबा में 50 करोड़, अयोध्या में सीपेट केंद्र के निर्माण और संयंत्रों के लिए 30 करोड़, जिला उद्योग एक उद्यम केंद्रों के आधुनिकीकरण और उच्चीकरण के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. साथ ही 20 करोड़ की लागत से औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण के लिए पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष करीब चार गुना अधिक राशि खर्च की जा रही है. इसी प्रकार क्लस्टर विकास योजना और पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि सरकार नए उद्योगों के साथ पुराने और पारंपरिक औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाओं और सेवाओं को बढ़ावा दे रही है. इसके अलावा अधिक से युवाओं को जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्पों पर काम किया जा रहा है. सीएम योगी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ओडीओपी पर पिछले साल की अपेक्षा दोगुना खर्च कर रहे हैं. ओडीओपी की ब्रांडिंग के लिए इस साल 46.25 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जबकि पिछले वर्ष इसके लिए 28.90 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इसी प्रकार श्रम सम्मान योजना की सफलता को देखते हुए सरकार पांच गुना अधिक खर्च कर रही है. पिछले वर्ष 20.40 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि अब 112.50 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
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सरकार 600 करोड़ से करेगी उद्योगों का कायाकल्प, फूंकेगी बुनियादी ढांचे में जान - lucknow news in hindi
प्रदेश सरकार नए उद्योगों के साथ ही पुराने औद्योगिक क्षेत्रों का भी कायाकल्प करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए 600 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है.
योगी सरकार उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के तहत सब्सिडी देने के लिए 45.50 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जबकि पिछले वर्ष इसके लिए 32 करोड़ रुपये की व्यवस्था थी. औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा, सशक्तिकरण के लिए जागरूकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए 12 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण से लेकर लोन भी उपलब्ध कराया जा रहा है. सरकार की ओर से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 125 करोड़, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रशिक्षण के लिए दो करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. सरकार इस वर्ष सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग तकनीकी उन्नयन योजना के तहत सब्सिडी देने के लिए दो करोड़ के बजाय अब 4.50 करोड़ रुपये और लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के तहत सब्सिडी के लिए 19.50 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
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