उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

कोरोना जांच में खेल, मरीज घरों में रैपिड एंटीजन किट से जांच करके छिपा रहे जानकारी

By

Published : Jan 13, 2022, 7:15 PM IST

Updated : Jan 13, 2022, 11:04 PM IST

कोरोना जांच को लेकर नयी तरह की समस्या का सामना यूपी में स्वास्थ्य महकमे को करना पड़ रहा है. बड़ी संख्या में कोरोना मरीज घर पर ही रैपिड एंटीजन किट से जांच कर रहे हैं. वो अपनी रिपोर्ट छिपाकर रोजाना काम भी कर रहे हैं.

etv bharat
covid patients in up today

लखनऊ: यूपी में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है. अब रोज 10 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में कोरोना की जांच के लिए लंबी कतारे हैं. वहीं निजी पैथोलॉजी में आरटी-पीसीआर जांच करीब एक हजार रुपये में की जा रही है. ऐसे में बड़ी संख्या में कोरोना के लक्षण वाले मरीज घर पर ही रैपिड एंटीजन किट से जांच कर रहे हैं. वो पॉजिटिव आने पर विभाग को सूचना भी नहीं दे रहे हैं. इस वजह से कोरोना तेजी से फैल रहा है.

दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष विनय शुक्ला
यूपी में पिछले 16 दिनों में पांच गुना से ज्यादा संक्रमण दर हो गई. गुरुवार को एक्टिव मरीजों की संख्या 71 हजार पार कर गई. संक्रमित मरीज कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. कई मरीज घर पर ही किट से जांच करके कोरोना पॉजिटिव होने पर अपनी जानकारी छिपा रहे हैं. किस क्षेत्र में कौन नया मरीज संक्रमण की जद में आया है, इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. लिहाजा यूपी में कोरोना की तीसरी लहर भयावह हो सकती है.

यूपी में 82 हजार थोक दवा विक्रेता हैं. वहीं 1 लाख 16 हजार फुटकर दवा दुकानदार हैं. लखनऊ की बात करें, तो यहां 1,800 थोक दवा दुकानें हैं, 4,800 रिटेल मेडिकल स्टोर हैं. राज्य में 250 से लेकर 500 रुपये तक कि कोविड एंटीजन रैपिड टेस्ट किट बेची जा रही हैं. इस किट से पांच मिनट में कोरोना टेस्ट किया जा सकता है. दवा विक्रेता समिति के अध्यक्ष विनय शुक्ला के मुताबिक आठ कंपनियों की किट बाजार में उपलब्ध हैं.

डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह

हर रोज 3 से 4 हजार किट लखनऊ में ही बिक रही हैं. इनकी बिक्री की कोई गाइडलाइन तय नहीं है. प्रेगनेंसी किट की तर्ज पर कोरोना किट का बिक्री और उपयोग हो रहा है. कोई ब्यौरा नहीं रखा जा रहा है. कुछ कंपनियों के डिब्बे पर क्यू आर कोड हैं, जिन्हें मरीज स्कैन कर डिटेल दे सकता है. कंपनी सरकारी विभाग को जानकारी शेयर करेगी. मगर, ऐसा नहीं हो रहा है. ऐसे में एसोसिएशन से जुड़े दुकानदारों से ग्राहकों का ब्यौरा रखने को कहा है, ताकि जररूत पड़ने पर सरकार को मुहैया कराया जा सके. एसोसिएशन ने मांग की है कि किट की ऑनलाइन बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए.

ये भी पढ़ें- किशोरों के टीकाकरण में रिकॉर्ड बना रहा काशी, 9 दिन में 93 हजार के पार हुआ आंकड़ा


डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह ने कहा कि बाजार में उपलब्ध रैपिड एंटीजन किट की जांच का ब्योरा कंपनियों के पास ही जाता है. अभी इन मरीजों की सीधी सूचना या मॉनिटरिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास कोई प्रणाली नहीं है. यदि सरकार कोई दिशा-निर्देश देती है, तो उसका पालन कराया जाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Jan 13, 2022, 11:04 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details