लखनऊ : केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Surface Transport Minister Nitin Gadkari) के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बीते साढ़े 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है. 2017 तक मात्र 01 एक्सप्रेस-वे वाले इस प्रदेश में आज छह एक्सप्रेस-वे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग भी पांच वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं. बॉर्डर एरिया कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है. यह सड़कें प्रगति का माध्यम हैं. भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का सहयोग प्रदेश के विकास में सहभागी बन रहा है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, प्रदेश के समग्र विकास में हर सम्भव सहयोग करने के लिए तत्पर है. उन्होंने लगभग ₹1,000 करोड़ की लागत से 12 रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की नई परियोजना की जानकारी भी दी. मुख्यमंत्री ने नवाचारों को अपनाने पर जोर देते हुए उत्तर प्रदेश सेतु निगम के अधिकारियों को अत्याधुनिक तकनीक अपनाने के निर्देश दिए.
प्रदेश के सामाजिक, सामरिक और आर्थिक महत्व की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने नई परियोजनाओं की जरूरत बताई और कहा कि भारत सरकार यदि प्रदेश में नए राजमार्गों, ग्रीनफील्ड सड़क परियोजनाओं की शुरुआत करती है तो राज्य सरकार की ओर से शासकीय भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी बस स्टेशनों के नवनिर्माण के लिए एनएचएआई का सहयोग लेना चाहती है. चरणबद्ध रूप से सभी 75 जिलों के बस स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा सकता है. एनएचएआई द्वारा इसे पीपीपी मोड में डेवलप किया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का स्वागत किया और अधिकारियों को प्रथम चरण में 25 बस स्टेशनों का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए. प्रदेश में संचालित विभिन्न राजमार्ग व अन्य परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी परियोजनाओं की समयबद्धता के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई और कहा कि सभी परियोजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता समय से कराई जाएगी. बैठक में तय हुआ कि केंद्रीय मंत्रालय, एनएचएआई और प्रदेश सरकार के सम्बंधित विभाग हर महीने परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे.
मुख्यमंत्री ने वाराणसी की तर्ज पर गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, बुंदेलखंड और सोनभद्र में रोप-वे निर्माण परियोजना पर भी चर्चा की. जिस पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सभी जरूरी सहयोग करने का आश्वासन दिया. महत्वपूर्ण बैठक में कुंभ 2025 से जुड़ी परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई. साथ ही प्रतापगढ़-सुल्तानपुर-अयोध्या राज्य राजमार्ग के चार लेन चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री द्वारा सहमति दी गई. वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग 24-बी के रायबरेली-प्रयागराज सेक्शन में अत्यधिक ट्रैफिक व धार्मिक पर्यटन क्षेत्र होने के कारण आगामी कुंभ से पूर्व इसे चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए आवश्यक परीक्षण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधिक से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थापना की जरूरत बताते हुए भारत सरकार से सहयोग की अपेक्षा की. साथ ही कहा कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी और वाराणसी-कोलकाता तथा गोरखपुर-बरेली कॉरिडोर को भारतमाला परियोजना-2 में शामिल किया जाना प्रदेश की तरक्की को नई उड़ान देने वाला होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निर्मित अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चलते हैं, लेकिन प्रदेश के सामाजिक एवं सामरिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए नेपाल बॉर्डर से सटे जनपदों से प्रारंभ कर उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जनपदों को जोड़ते हुए देश में व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों, बंदरगाहों, औद्योगिक क्षेत्रों व खनिज बाहुल्य क्षेत्रों से जोड़ना आवश्यक है.