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यूपी पुलिस के 10 शूरवीर जिन्हें भारत सरकार से मिला सम्मान, जानिए वजह

स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर जांच कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले देश के 151 पुलिसकर्मियों को केंद्रीय गृहमंत्री ने मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन प्रदान किया है. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस के 10 पुलिसकर्मियों को साल 2022 के उत्कृष्टता पदक से सम्मानित किया गया है.

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Published : Aug 13, 2022, 10:49 PM IST

लखनऊ : स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर जांच कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले देश के 151 पुलिसकर्मियों को केंद्रीय गृहमंत्री ने मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन प्रदान किया है. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस के 10 पुलिसकर्मियों को साल 2022 के उत्कृष्टता पदक से सम्मानित किया गया है. पदक विजेताओं की इस लिस्ट में विभिन्न राज्यों की पुलिस इकाइयों के अलावा केंद्रीय जांच एजेंसी, CBI, NIA व NCB जैसी एजेंसियों के करीब 151 अधिकारियों को शामिल किया गया है.


उत्तर प्रदेश के जिन 10 पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को उत्कृष्टता पदक से सम्मानित किया गया है, उनमें दो डिप्टी एसपी संसार सिंह राठी और सवीरत्ना गौतम का नाम शामिल है. लिस्ट में पांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मियों को भी सम्मानित किया गया है. दो सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार पाल और सूरज कुमार तिवारी को साल 2022 के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के उत्कृष्टता पदक से सम्मानित किया गया है. वहीं एसएचओ कमलेश सिंह का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. आइये जानते हैं इन 10 पुलिसकर्मियों के उन उत्कर्ष कार्यों के बारे में जिस कारण उन्हें सम्मानित किया गया है.

डिप्टी एसपी संसार सिंह राठी




डिप्टी एसपी संसार सिंह राठी ने गोंडा में तैनाती के दौरान गैंग रेप व हत्या की वारदात का खुलासा किया था. इस सम्बन्ध में दर्ज मुकदमें की विवेचना में वैज्ञानिक विधियों व तकनीक का प्रयोग कर मात्र 6 घंटे में प्रकाश में आये अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 13 दिनों में आरोप पत्र दाखिल किया था.

सवीरत्ना गौतम, डिप्टी एसपी




यूपी एटीएस के डिप्टी एसपी सविरत्न गौतम ने पीएफआई के कुछ सदस्यों द्वारा देश की एकता एवं अखंडता सहित सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, विद्वेष फैलाने के मकसद से घातक हथियार व विस्फोटक पदार्थ इकट्ठा कर कई महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थानों व प्रमुख हिन्दू संगठनों के बड़े पदाधिकारियों पर हमले की योजना के सम्बन्ध में इलेक्ट्राॅनिक साक्ष्य एकत्रित कर आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया था.

सब इंस्पेक्टर सूरज तिवारी



इंस्पेक्टर कमलेश सिंह ने आगरा में तैनाती के दौरान गैंग रेप व हत्या की घटना से सम्बन्धित अभियोग की विवेचना कर महज 13 दिनों में खुलासा किया था. इस घटना में शामिल आरोपी राहुल उर्फ गोला को गिरफ्तार किया गया, जिसमें कोर्ट द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी गयी थी.

इंस्पेक्टर सन्तोष कुमार शर्मा ने फतेहपुर में तैनाती के दौरान घटित रेप व हत्या की घटना से सम्बन्धित पंजीकृत अभियोग की विवेचना में नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर 93 दिनों में विवेचना का निस्तारण किया था. जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई थी.

इंस्पेक्टर योगेन्द्र कुमार ने बहराइच में तैनाती के दौरान गैंगरेप की घटना के सम्बन्ध में पंजीकृत अभियोग की विवेचना तत्परता से करते हुए दो अभियुक्तों को प्रकाश में लाकर पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर मात्र 15 दिनों की अल्प अवधि में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था.

इंस्पेक्टर शैलेश कुमार राय ने सोनभद्र में तैनाती के दौरान गैंगरेप व डकैती की घटना के सम्बन्ध में पंजीकृत अभियोग का सफल खुलासा कर 8 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुये 90 दिनों में आरोप-पत्र प्रेषित किया था. कोर्ट ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास व रुपये 20-20 हजार के जुर्माने से दण्डित किया.

इंस्पेक्टर भैया शिवप्रसाद सिंह ने जौनपुर में तैनाती के दौरान रेप व हत्या की घटना के सम्बन्ध में पंजीकृत अभियोग की विवेचना में अभियुक्त डफाली उर्फ अच्छे को गिरफ्तार कर विवेचनात्मक कार्यवाही पूर्ण करते हुए मात्र 32 दिनों में आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया था. कोर्ट ने अभियुक्त को आजीवन कारावास व रुपये 25 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई थी.

इंस्पेक्टर रामगोविन्द मिश्र ने लखनऊ में तैनाती के दौरान मुख़्तार अंसारी द्वारा निष्क्रान्त भूमि पर कब्जा करने के सम्बन्ध में पंजीकृत अभियोग की विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया.

सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने बुलन्दशहर में तैनाती के दौरान रेप की घटना के सम्बन्ध में पंजीकृत अभियोग की विवेचना में मात्र 7 घंटों के अन्दर नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर धारा 377 ipc की बढ़ोत्तरी करते हुए मात्र 15 दिनों में आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया. जिसमें कोर्ट ने अभियुक्त को आजीवन कारावास व रुपये 50 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया.

सब इंस्पेक्टर सूरज कुमार तिवारी ने वाराणसी में नियुक्ति के दौरान नीट की परीक्षा में सॉल्वर गैंग की मदद से अभियुक्तों द्वारा फर्जी नियुक्ति कराने के सम्बन्ध में पंजीकृत अभियोग की विवेचना में तकनीक का प्रयोग करते हुये कुल 17 अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया.
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इस पुरुस्कार की शुरुआत 2018 में हुई थी. इसके तहत राज्य या केंद्र शासित प्रदेश पुलिस बल में उत्कृष्ट सेवा व जांच पड़ताल के दौरान जांच के उच्च पेशेवर मानकों को बढ़ावा देने के लिए यह पदक मिलता है. इसमें हेड कांस्टेबल से लेकर एसपी रैंक के अधिकारियों को सम्मानित किया जाता है. इसमें किसी भी अपराध की जांच में उच्च मानकों को स्थापित करके पेशेवर रवैये को बढ़ाने, ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा व काम से असाधारण साहस का परिचय देने वाले पुलिसकर्मियों को इस मेडल से सम्मानित किया जाता है. इस पुरस्कार के तहत साल 2020 में 121 और 2021 में 152 पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जा चुका है.
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