लखनऊ: इन दिनों व्यवसायिक वाहन चालकों की दिक्कतें कुछ ज्यादा ही बढ़ी हुई हैं. दरअसल, डीजल और पेट्रोल के साथ ही सीएनजी के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है. 2014 की तुलना में अब कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) तकरीबन दोगुनी कीमत पर पहुंच गई है. इससे ऑटो चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. देश के सभी राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऑटो का किराया आधे से भी कम है, जबकि सीएनजी की दर यहां पर काफी ज्यादा है.
ऑटो यूनियन की तरफ से लगातार परिवहन विभाग से ऑटो के किराए की बढ़ोतरी की मांग की जा रही है. हर बार उम्मीद की जाती है कि कुछ किराया बढ़ जाएगा, लेकिन परिवहन विभाग ने पिछले आठ साल से ऑटो के किराए में कोई इजाफा नहीं किया है.
सस्ता किराया यात्रियों के लिए तो राहत की बात है, लेकिन ऑटो चालकों के लिए यह किसी आफत से कम नहीं है. लखनऊ में ऑटो रिक्शा के किराए की बात की जाए तो पहले किलोमीटर के लिए यात्री को ₹6.39 पैसे की दर से भुगतान करना पड़ता है, वहीं अगले 500 मीटर या उससे अधिक के लिए ₹3.95 पैसे. यहीं पर अगर सीएनजी के दामों की बात कर ली जाए तो इस समय सीएनजी की दर ₹ 87.50 से भी ऊपर है. ऐसे में ऑटो चालकों का सीएनजी का खर्च भी निकल पाना मुश्किल हो रहा है.
अन्य राज्यों में ये है ऑटो का किराया:राजस्थान की राजधानी जयपुर में ऑटो रिक्शा के पहले एक किलोमीटर या उसके अन्य क्षेत्र के लिए ₹15 और उसके बाद एक किलोमीटर या उसके अन्य क्षेत्र के लिए ₹10 किराया है. इंदौर में पहले किलोमीटर या उसके अन्य भाग के लिए ₹14 और इसके बाद एक किलोमीटर या उसके अन्य भाग के लिए ₹12 किराया है. भुवनेश्वर में ऑटो रिक्शा का पहले दो किलोमीटर या उसके अन्य भाग के लिए ₹30 और उसके बाद एक किलोमीटर या उसके अन्य भाग के लिए ₹10 है. इसी तरह कोलकाता में पहले डेढ़ किलोमीटर या उसके अन्य भाग के लिए ₹20 और उसके बाद 100 मीटर या उसके अन्य भाग के लिए 1.10 पैसे हैं. इन सभी महानगरों में रात का किराया निर्धारित किराए के अतिरिक्त 25 फीसदी अधिक हैं. वेटिंग चार्ज ₹60 प्रति घंटा है. लखनऊ में ऑटो रिक्शा से कहीं ज्यादा महंगी कैब सेवा भी है.
संगठन का यह है प्रस्ताव: लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर संघ ने परिवहन विभाग को पहले 2 किलोमीटर या उसके अन्य क्षेत्र के लिए रुपये 25 और उसके बाद एक किलोमीटर या उसके अन्य क्षेत्र के लिए ₹12 किराये का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा रात का किराया निर्धारित किराये के अतिरिक्त 15 फीसदी और वेटिंग चार्ज ₹2 प्रति मिनट करने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि परिवहन विभाग की तरफ से किराया बढ़ोतरी के संबंध में कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है.
क्या कहते हैं यूनियन अध्यक्ष:लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर संघ के अध्यक्ष पंकज दीक्षित बताते हैं किउत्तर प्रदेश में ऑटो का किराया देश के अन्य राज्यों से काफी कम है, जबकि यहां पर सीएनजी काफी महंगी है. 2014 में जब ऑटो के किराए का निर्धारण किया गया था तो सीएनजी की कीमत ₹49 थी. आज लगभग दोगुने पर पहुंच गई है. मेंटेनेंस भी बढ़ गया है. इंश्योरेंस की प्रीमियम भी बढ़ गई है, लेकिन परिवहन विभाग की तरफ से किराया नहीं बढ़ाया गया. लगभग हर तीन माह पर किराया बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव दिया जाता है, लेकिन सिर्फ झूठा आश्वासन मिलता है. ऊपर से हम पर आरोप भी लगते हैं कि हम ओवरचार्जिंग करते हैं, ओवरलोडिंग करते हैं. जब किराया नहीं बढ़ाया जाएगा तो फिर यह मजबूरी बन जाती है किया भी क्या जाए.