लखनऊः उत्तर रेलवे 'मिशन रफ्तार' से ट्रेनों को रफ्तार देगा. इसके लिए प्लान बनकर तैयार है. अधिकारी लाइन का इंस्पेक्शन कर चुके हैं. 160 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेनें फर्राटा भरेंगी. ऐसे में लखनऊ से कानपुर की यात्रा 30 से 35 मिनट में तय हो जाएगी. उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक एसके सपरा बताते हैं कि वर्तमान में इस रूट की जो लाइनें हैं उन पर 160 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेन दौड़ाना मुश्किल है. ऐसे में लखनऊ कानपुर रूट की लाइन दुरुस्त की जा रही है. जल्द ही इस रूट पर फुल स्पीड में ट्रेनों का संचालन होगा.
100 या 110 किलोमीटर प्रति घंटे के बजाय लखनऊ-कानपुर रूट पर अब 160 की स्पीड से ट्रेन दौड़ाने की तैयारी हो रही है. मिशन रफ्तार के तहत उत्तर रेलवे प्रशासन कार्य करा रहा है. जिसमें सबसे पहले ट्रैक को दुरुस्त किया जा रहा है. वर्तमान में जो ट्रैक की हालत है उस पर 160 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेन नहीं दौड़ाई जा सकती. लखनऊ से कानपुर के बीच 60 फीसद कार्य पूरा भी करा लिया गया है. 40 परसेंट काम भी जल्द हो जाएगा. इसके बाद इलेक्ट्रिफिकेशन और सिग्नलिंग का काम होना है. इसी में ज्यादा वक्त लगेगा. काम पूरा होते ही लखनऊ से कानपुर पहुंचने में सिर्फ आधा घंटा या कुछ ज्यादा ही समय लगेगा.
निजी वाहन छोड़ ट्रेन का सफर करेंगे पसंद :लखनऊ से कानपुर रूट पर 160 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेनें चलेंगी. जिसके बाद 90 किलोमीटर की दूरी करीब आधे घंटे में तय होगी. जिसके बाद यात्री अपना निजी साधन छोड़कर ट्रेन से ही सफर करने को वरीयता देंगे, क्योंकि तब निजी वाहन की तुलना में ट्रेन से यात्रा करना आसान होगा. समय की काफी बचत होगी. रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि मिशन रफ्तार के तहत साल 2023 के आखिरी तक या 2024 की शुरुआत में ये काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद इस ट्रैक पर तेजी से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.
अब 30-35 मिनट में लखनऊ से पहुंच सकेंगे कानपुर, जानिए कैसे? - मंडल रेल प्रबंधक
आने वाले दिनों में लखनऊ से कानपुर ट्रेन के जरिए सफर काफी आसान हो जाएगा. अभी तक बस के माध्यम से पहुंचने में तकरीबन दो घंटे लगते हैं, वहीं ट्रेन से भी सवा घंटे से डेढ़ घंटे लग जाता है.
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क्या कहते हैं डीआरएम :उत्तर रेलवे लखनऊ के मंडल रेल प्रबंधक सुरेश कुमार सपरा ने बताया कि लखनऊ से कानपुर के बीच में हमें ट्रैक की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा करनी है. उसमें कार्य चल रहा है. ट्रैक का काम लगभग 60 फीसद पूरा हो चुका है. ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन और सिग्नलिंग के कार्य की तैयारी चल रही है. इसके लिए बिल्डिंग और फाउंडेशन बनना है, नए मास्ट लगने हैं. कार्य जारी है. इसके अलावा गाड़ियों के मेंटेनेंस के लिए स्पेशल इंस्पेक्शन किट चाहिए होगी. वह किट बनाने की तैयारी भी चल रही है. खोदाई का कार्य भी किया जा रहा है. खोदाई पूरी होने के बाद फाउंडेशन बनेगा. फिर उसके ऊपर बिल्डिंग खड़ी होगी और 2023 के आखिर तक या 2024 के शुरुआत में ही लखनऊ से कानपुर रूट पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.
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