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एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का कार्य पूरा कराने के लिए तय हो टाइमलाइन : मुख्य सचिव

राजधानी में शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में गई. इस दौरान उन्होंने कायाकल्प अभियान को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग को कई दिशा निर्देश दिये.

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र

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Published : Jun 10, 2022, 9:35 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई. बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में लगातार हो रहे महत्वपूर्ण सुधारों से प्रदेश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. हमें ऐसा काम करके दिखाना है जो पूरे देश के लिए रोल मॉडल बने. जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाओं व सभी राजपत्रित अधिकारियों के साथ विद्यालयों के पूर्व छात्रों का भी सहयोग लेकर स्कूलों के कायाकल्प अभियान में शामिल किया जाए.

इस दौरान मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने एसजीपीजीआई में प्रस्तावित एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की समीक्षा की. बैठक में एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर के अंतर्गत आने वाले लगभग 24 स्पेशियलिटी विभागों के विषय में विचार-विमर्श किया. मुख्य सचिव ने कहा कि एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा कराने के लिए टाइमलाइन तय की जाये. इस कार्य में विषय विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया जाये. उन्होंने कहा कि कायाकल्प अभियान जन अभियान बने इसके लिए जनसहभागिता जितनी बढ़ाई जा सके उतना बेहतर होगा. अपने पूर्वज की याद में यदि कोई भी व्यक्ति विद्यालय में भवन, उद्यान, लैब, पुस्तकालय निर्माण या फर्नीचर आदि दान में देना चाहे तो दे सकता है.

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उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यालयों में शुद्ध पानी, डेस्क बेंच, दिव्यांग मैत्रिक शौचालय, बिजली समेत 19 मानकों के माध्यम से कायाकल्प अभियान में तेजी लायी जाये. हर हाल में 30 जून तक सभी विद्यालयों में पीने के पानी की व्यवस्था की जाये. जिन विद्यालयों में बिजली की सुविधा नहीं है उन्हें सोलर पैनेल से जोड़ा जाए. मुख्य सचिव ने कहा कि भारत में प्राचीनकाल से स्वच्छता और शुचिता का बड़ा महत्व रहा है. गुरुकुल में पढ़ने वाले विद्यार्थी आश्रम की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते थे. गंदगी कई बीमारियों की जड़ है. वाल पेंटिंग, संवाद, प्रतियोगिता आदि के माध्यम से बच्चों को स्वच्छता और जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए.

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