लखनऊ : राजधानी के कैसरबाग स्थित सहकारी बैंक लिमिटेड से दो अलग-अलग कंपनी मालिकों ने व्यवसाय के लिए लोन लिया था लेकिन इन दोनों कंपनियों ने ऋण को समय पर बैंक को वापस नहीं किया. जांच में पता चला कि ऋण लेने के दौरान दिए गए दस्तावेज भी फर्जी हैं. इसके बाद सहकारी बैंक शाखा के प्रबंधक सुधीर चंद्र दीक्षित ने मामले की जानकारी कैसरबाग पुलिस को दी. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
मिली जानकारी के अनुसार, चांदगंज गार्डन के रहने वाले अखिलेश मेहरोत्रा (रेनू मेडिकल स्टोर प्रोपराइटर) ने 6 दिसंबर वर्ष 2013 को 10 लाख रुपये नगर सहकारी बैंक लिमिटेड शाखा कसाईबाड़ा कैसरबाग से ऋण लिया था. पैसे बैंक को वापस नहीं किए गए. इसे लेकर बैंक ने कई बार नोटिस भी दिया. इसके बाद शाखा प्रबंधक ने फर्म के मालिक और जमानतदार गोपीनाथ मेहरोत्रा, मोहम्मद इदरीश, अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
वहीं दूसरी तरफ चौक के रहने वाले बुलंद खान एवं परवीन खान (रीगल फुटवियर प्रोपराइटर) ने फर्म की शुरुआत के लिए 10 मार्च 2014 को बैंक से 15 लाख ऋण लिया था. पैसे बैंक को वापस नहीं किए गए. जांच में पता चला कि ऋण लेने के दौरान दिए गए दस्तावेज व बंधक रखी संपत्ति फर्जी है. इसके बाद परवीन खान, जमानतदार जितेंद्र कुमार सिंह, रविंद्र गुप्ता के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज तैयार करने, बैंक को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाने की नीयत रखने पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया है.
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थाना प्रभारी अजय नारायण ने बताया कि सहकारी बैंक लिमिटेड द्वारा शिकायत मिली कि बैंक से व्यवसाय के नाम पर 2 लोगों ने ऋण लिया था. इसके बाद से दोनों फर्म के मालिक फरार हो गए हैं. इनके द्वारा जमा किए गए दस्तावेज फर्जी हैं. इसे संज्ञान में लेते हुए दोनों फर्म के मालिकों और जमानतदार के खिलाफ धारा 406, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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