लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए तीन चरणों के मतदान के बाद सभी राजनीतिक दल जीत के दावे कर रहे हैं. इन दलों में सबसे आगे है, सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी. हमने विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से विस्तार से बात की. हमने उनसे पूछा कि इस चुनाव में भाजपा कितनी सीटें जीतने वाली है? चुनावों में विकास की जगह, जिन्ना और पाकिस्तान को मुद्दा क्यों बनाया जाता है? अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई पर भी विपक्ष राजनीति क्यों करता है? आपके घोषणा पत्र में मथुरा क्यों शामिल नहीं है, जबकि नेता इसे लेकर अक्सर बयान देते रहते हैं.
ईटीवी भारत की टीम से बात करते बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तीन चरणों के चुनावों के बाद भाजपा की क्या स्थिति रहने वाली? इस सवाल पर स्वतंत्र देव ने कहा कि अब राजनीति का पैटर्न बदल चुका है. पहले जातिवाद, भ्रष्टाचार, मुस्लिम तुष्टिकरण और गुंडागर्दी का बोलबाला था. अब लोग ईमानदारी, कानून व्यवस्था और विकास के नाम पर वोट देते हैं. तीन चरणों में जो मतदान हुआ है, उसमें योगी-मोदी के काम से आम जनता में विश्वास मजबूत हुआ है. लोग कहते हैं कि मोदी है, तो मुमकिन है. 2017 में प्रदेश को योगी जी जैसा अच्छा नेतृत्व मिला. जनता ने जातिवाद-क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर मतदान किया है. इस वजह से कह सकता हूं कि इन तीनों चरणों में हम एकतरफा जीत रहे हैं. विकास के मुद्दे पर चुनाव क्यों नहीं होते, क्यों जिन्ना और पाकिस्तान के मुद्दे आ जाते हैं चुनाव में? इस पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग कहीं जिन्ना का नाम लेंगे, कहीं चिलमबाज कहेंगे, कहीं पाकिस्तान और आतंकवाद की बात करेंगे. यह सपा का स्वभाव है. जब-जब उनकी सरकार रही है, तब राज्य के अंदर बम फटते हैं. आतंकवादी गतिविधियां होती हैं. काशी की जिन आतंकी घटनाओं में 18 लोगों का देहांत हुआ है, राजनीतिक दल उनके समर्थन में खड़ा हो यह अच्छा नहीं लगता.
ये भी पढ़ें- राजनीतिक स्वार्थ के लिए प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का रहा है सपा का इतिहास: सीएम योगीयोगी जी ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, लेकिन इसका भी मजाक उड़ाया जाता है. उन्हें अखिलेश यादव जी बुलडोजर वाले बाबा कहकर संबोधित करते हैं, क्यों? इस सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब हम जनता से वोट मांगने गए थे, तो हमने कहा था, न गुंडागर्दी, न भ्रष्टाचार. योगी जी ने गुंडागर्दी जड़ से समाप्त की है. अब कानून का राज है. नियुक्तियों, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी कोई भ्रष्टाचार नहीं है. सैफई खानदान जब सत्ता में आता है, तो उन्होंने ट्रांसफर को उद्योग बनाया, भ्रष्टाचार किया. पूरा कुनबा मिलकर ठेके पर कब्जा करता है. नियुक्तियों पर कब्जा करता है. ट्रांसफर पर कब्जा करता है. वह तय कर लेते हैं कि यह काम राम गोपाल देखेंगे. शिवपाल पूरा इंजीनियरिंग विभाग देखेंगे. इनके जिला स्तर के लोग थाना देखेंगे. इनके शासन में बंदरबांट जैसी लूट होती है. उस वक्त शोषण तो गरीबों का ही होता है.
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