लखनऊ : बिहार में होने वाले आगामी चुनाव पर नजर गड़ाए हुए सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar) ने बिगुल फूंकते हुए लखनऊ के 6 पार्क रोड स्थित अपने आवास से सावधान यात्रा की शुरुआत की है. यूपी के अलग-अलग जिलों से होते हुए यह यात्रा चलकर 27 अक्टूबर को पटना के गांधी मैदान पर समाप्त होगी.
सावधान यात्रा के रथ पर सवार होकर बिहार जीतने निकले सुभासपा चीफ ओपी राजभर - sawdhan yatra
सावधान यात्रा (sawdhan yatra) की शुरुआत के मौके पर ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने कहा कि यदि यूपी में छह जीत सकते हैं तो बिहार में क्यों नहीं. राजभर ने कहा कि आज से सुभासपा की सावधान यात्रा शुरू हो गयी है. हमारी इस यात्रा का मकसद जनता को सावधान करना है.
सावधान यात्रा की शुरुआत के मौके पर राजभर ने कहा कि यदि यूपी में छह जीत सकते हैं तो बिहार में क्यों नहीं. राजभर ने कहा कि आज से सुभासपा की सावधान यात्रा शुरू हो गयी है. हमारी इस यात्रा का मकसद जनता को सावधान करना है. यात्रा के जरिए हम लोग जनता को आगाह करेंगे. उन्होंने कहा कि लखनऊ से शुरू होकर पटना में खत्म होने वाली इस यात्रा के दौरान लोगों को बताया जायेगा कि गरीब का इलाज फ्री में होना चाहिये. युवा बेरोजगार होता जा रहा है, उसे रोजगार मिलना चाहिये. प्रदेश में अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिये. जनता के उत्थान के लिये जो दल काम करे जनता को उसे चुनना चाहिये. राजभर ने कहा कि जनता जब तक अपने अधिकारों के लिये जागेगी नहीं तब तक सामाजिक परिवर्तन नहीं होगा. इस यात्रा के जरिये जनता को उसके हक की बात बताकर सावधान किया जायेगा.
सोमवार को लखनऊ से निकाली गई सावधान यात्रा कल वाराणसी के मुनारी पहुंचेगी, जहां सावधान यात्रा की पहली महारैली का आयोजन किया जायेगा. इसी तरह यात्रा सभी 75 जिलों से होते हुये 27 अक्टूबर को बिहार के गांधी मैदान पहुंचेगी और वहीं इस यात्रा का समापन भी होगा. ओपी राजभर ने बताया कि सावधान यात्रा के लिये चार टीमें गठित की गयी हैं, जिसमें पूर्वांचल, बुंदेलखंड, मध्यांचल व पश्चिमांचल शामिल हैं.
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पिछड़ी जातियों पर राजभर की है नजर :यूपी में जहां राजभर वोटर्स का 100 से अधिक सीटों पर दखल है तो बिहार में 30 प्रतिशत अति पिछड़ी जातियां हैं, जिन पर नीतीश कुमार व आरजेडी का अच्छा खासा दखल रहता है. इन्हीं जातियों को यूपी में साल 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर 2017 के विधानसभा चुनावों में जातिगत दलों को जोड़कर अपने साथ जोड़ा था. कहा जा रहा है कि बिहार की 30 प्रतिशत अति पिछड़ी जाति को अपने खेमे में लाने के लिये राजभर बिहार में जातिगत जनगणना के मुद्दे से सहारे बीजेपी की मदद कर सकते हैं.