लखनऊ: यूपी विधान चुनाव 2022 से पहले सत्ता की चाहत ने सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के करीब ले आई. चुनाव में हार मिली तो राजभर खुद को मंझदार में फंसते देखने लगे हैं. हार का जिम्मेदार बताने से लेकर कमजोर अध्यक्ष तक बयानबाजी करने पर अखिलेश भी नाराज हो गए है. 12 जुलाई को होने वाली विधायकों की बैठक भी फिलहाल राजभर ने टाल दी और पर्दे के पीछे नई राह बनाने में जुटे हुए है.
दो साल बाद लोकसभा चुनाव है, ऐसे में ओम प्रकाश राजभर इस चिंता में है कि आगे करना क्या है. भाजपा का दामन छोड़ विधान सभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव के साथ हो लिए. उन्हें भरोसा था कि सपा की सरकार बनेगी और वो सत्ता में आ जाएंगे. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने अखिलेश यादव को कोसना शुरू कर दिया. अब अखिलेश यादव भी राजभर से नाराज (Akhilesh Yadav also angry with Rajbhar) है.
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा(Presidential candidate Yashwant Sinha) से मिलने न जाकर एनडीए प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू की डिनर पार्टी में जाकर राजभर ने संकेत देने की कोशिश की थी कि उनकी व सपा की राह अलग हो चुकी है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि वो अखिलेश के ही साथ है और आमने-सामने बैठकर राष्ट्रपति चुनाव पर बात करना चाहते है. लेकिन, खबर आई कि अखिलेश ने उन्हें समय नहीं दिया. ऐसे में राजभर ने दिल्ली का रुख कर लिया. वो गुरुवार को दिल्ली पहुंचे हैं, जहां उनकी कुछ भाजपा नेताओं से मुलाकात होनी है.
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भंवर में फंसे राजभर: बीते 8 जुलाई को सीएम आवास में एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू ((NDA Presidential candidate Draupadi Murmu) की डिनर पार्टी में ओम प्रकाश राजभर पहुंचे, तो कयास लगे कि वो मुर्मू को समर्थन करेंगे. हालांकि, राजभर कहते रहे कि 12 जुलाई को अपने 6 विधायकों के साथ बैठक कर वो फैसला लेंगे. लेकिन, 12 जुलाई को बैठक रद्द कर दी गयी. पार्टी की ओर से कहा गया कि अखिलेश यादव से मिलने के बाद 16 जुलाई को फैसला होगा कि राष्ट्रपति चुनाव में किसको समर्थन करना है. वहीं, दूसरी ओर सूत्र बताते है कि अखिलेश यादव राजभर से मिलना नहीं चाहते हैं. लिहाजा वो उन्हें मिलने का समय नहीं दे रहे हैं. ऐसे में ओपी राजभर इस भंवर में फंसे हुए हैं कि वो करें क्या.
लोक सभा चुनाव में 6 सीटों के लिए राजभर कर रहे संघर्ष:कहा जा रहा है कि ओपी राजभर आगामी लोक सभा चुनाव में 6 सीटें लेना चाहते है. इसके लिए उन्होंने अपनी सभी संभावनाएं खोल कर रखी हुई हैं. ओपी राजभर अखिलेश यादव के साथ तभी रहेंगे जब उन्हें सपा 6 सीटें देने का वादा करे. अगर ऐसा नहीं होता है तो वो भाजपा के साथ अपने संबंधों को मधुर बनाने की योजना पर काम करेंगे. यही नहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि राजभर की मुलाकात बसपा के एक बड़े नेता से भी हुई है. जिसने बसपा सुप्रीमों से राजभर की फोन पर बात भी करवाई है. पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि जो भी लोक सभा चुनाव में 6 सीटें सुभासपा को देने का वादा करेगा उसके साथ पार्टी अपना नया गठबंधन कर लेगी.
दिल्ली दरबार में हाजरी लगाने को बेकरार है राजभर:वैसे तो यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भी कई बार ओम प्रकाश राजभर दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिल चुके थे. लेकिन, अब जब अखिलेश और उनके बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में एक बार फिर राजभर दिल्ली पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि राजभर ने भाजपा के कई बड़े नेताओं से मिलने का समय मांगा था, जो उन्हें मिल गया था.
यह भी पढ़ें:सुभासपा में दरार : पूर्व प्रवक्ता बोले- ओपी राजभर 20 हजार का जूता पहनकर पार्टी का मजाक उड़ाते हैं