उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

लड़की का हाई वोल्टेज ड्रामा: दारोगा ने ली थी 10 हजार रुपये घूस, विवेचना छिनी

लखनऊ में बाराबिरवा चौराहे पर कैब चालक सआदत अली की पिटाई करने वाली हाई वोल्टेज ड्रामा गर्ल प्रियदर्शिनी नारायण के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. कृष्णानगर इंस्पेक्टर महेश दुबे ने माना कि भोलाखेड़ा चौकी प्रभारी ने पीड़ित की कार छोड़ने के एवज में 10 हजार रुपये घूस ली थी.

sub-inspector-took-10-thousand-bribe-to-release-sdm-car-in-lucknow
sub-inspector-took-10-thousand-bribe-to-release-sdm-car-in-lucknow

By

Published : Aug 4, 2021, 3:45 AM IST

Updated : Aug 4, 2021, 6:57 AM IST

लखनऊ: इंस्पेक्टर का कहना है कि जांच में दारोगा के घूस लेने की बात सच निकली. इस मामले में रिपोर्ट कार्रवाई के लिए आलाधिकारियों को भेज दी गई है. जबकि, चौकी प्रभारी हरेंद्र यादव का कहना है कि मामला तूल पकड़ने के बाद खुद को बचाने के लिए कोतवाल उनको गलत तरीके से फंसा रहे हैं.

कृष्णानगर इंस्पेक्टर महेश दुबे ने हाई वोल्टेज ड्रामा गर्ल द्वारा कैब चालक की पिटाई के मामले में सफाई देते हुए कहा कि, घटना की रात वो धरना स्थल पर ड्यूटी पर थे. भोलाखेड़ा चौकी क्षेत्र में छेड़खानी की सूचना पर चौकी प्रभारी को घटना स्थल भेजकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि एसीपी कृष्णानगर स्वतंत्र सिंह की कॉल आई थी और उन्होंने थाने में मजिस्ट्रेट लिखी ब्लैक कार के बारे में पूछा था.

उन्होंने कहा कि जफर नाम का युवक थाने पहुंचेगा. कार एटा एसडीएम की है. उसे तत्काल कार सौंप दें. हालांकि, इंस्पेक्टर का कहना है कि कैब चालक की पैरवी में ब्लैक कार सवार कुछ युवक आए थे और खुद को एसडीएम बताते हुए कैब चालक को छोड़ने का दबाव बनाया था. परिचय पूछने पर वो लोग कुछ ठीक से नहीं बता पाए. इसलिए पुलिस ने उनकी कार खड़ी करा ली थी. एसीपी के निर्देश पर भोलाखेड़ा चौकी प्रभारी हरेंद्र यादव को फोन करके गाड़ी छोड़ने को कहा गया था.

कोतवाली आने पर पता चला कि पीड़ित सआदत अली की कैब भी आई थी, जिसे गेट से छोड़ दिया गया लेकिन एसयूवी छोड़ने के एवज में हरेंद्र यादव ने 10 हजार रुपये घूस ली थी. भोलाखेड़ा चौकी प्रभारी हरेंद्र यादव ने इस्पेक्टर पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं. हरेंद्र का कहना है कि घटनास्थल हमारे चौकी क्षेत्र में था, इसलिए मौके पर मौजूद दोनों पक्षों को कोतवाली लाए और पूछताछ की जा रही थी.

देर रात कैब चालक सआदत अली को ढूंढते हुए उसके भाई इनायत और दाऊद एसयूवी से कोतवाली पहुंचे. खुद को एसडीएम बताकर शहादत अली को छोड़ने का दबाव बनाने लगे. इस पर दोनों को रोक लिया गया और कैब व एसयूवी को भी कब्जे में ले लिया गया. फिर देर रात इंस्पेक्टर महेश दुबे का फोन आया कि एसीपी साहब से बात हो गई है, गाड़ियां छोड़ दो. उनके कहने पर वैगनआर कैब को मैंने दूसरे दिन सआदत से सुपुर्दगीनामा करवाकर उसके हवाले कर दिया. जबकि, एसयूवी को कोतवाल के कहने पर एसएसआई तेज प्रताप ने बाकायदा लिखा पढ़ी करके छोड़ी थी. अब कोतवाल खुद को बचाने के लिए मुझ पर झूठे आरोप लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- दहेज देना स्वीकार करने के बाद भी पीड़ित के खिलाफ नहीं चलाया जा सकता केस : हाईकोर्ट


बता दें कि, हाई वोल्टेज ड्रामा गर्ल द्वारा पिटाई के दौरान कैब चालक सहादत अली का मोबाइल फोन टूट गया था. इसके चलते वह अपने घर वालों को घटना की जानकारी नहीं दे सका. देर रात उसके भाई इनायत और दाऊद उसे खोजते हुए परेशान घूम रहे थे. तभी किसी की मदद से सहादत अली की मोबाइल लोकेशन निकलवाई. उसकी लोकेशन कृष्णा नगर थाने की मिली, जिसके बाद दोनों ने अपने परिचित से कार मांगी. इत्तेफाक से परिचित ने एटा एसडीएम की कार उसे दे दी और दोनों उसी से कोतवाली कृष्णा नगर पहुंच गए. पुलिस के तेवर देखकर डरे सहमे युवकों ने खुद को एसडीएम का रिश्तेदार बता दिया. दूसरे दिन घटना की वीडियो वायरल हुआ तो बेगुनाह युवकों को दबंग साबित करने के लिए इंस्पेक्टर ने एसडीएम का नाम और मोबाइल नम्बर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.


पुलिस की जांच में एसडीएम की कार छोड़ने की एवज में 10 हजार घूस लेने की बात सही पाए जाने के बाद आला अफसरों के कान खड़े हो गए. उन्होंने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद भी दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं की और पुलिस की बदनामी न हो, इसलिए मामले को दबाए रखा. लेकिन, गुपचुप तरीके के पूरे मामले की विवेचना इंस्पेक्टर बंथरा जेपी सिंह को सौंप दी. इंस्पेक्टर महेश दुबे ने बताया कि सआदत की तरफ से दर्ज कराई गई FIR की विवेचना कृष्णानगर कोतवाली से हटाकर बंथरा थाने को सौंप दी गयी है. विवेचना में सच्चाई सामने आ जाएगी.

Last Updated : Aug 4, 2021, 6:57 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details