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Published : Aug 10, 2022, 5:45 PM IST

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भाजपा में और कम हुई स्वतंत्र देव सिंह की ताकत और बढ़ा खतरा!

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Jal Shakti Minister Swatantra Dev Singh) की ताकत को कम कर के भाजपा ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) की ताकत को विधान परिषद में बढ़ा दिया है.

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स्वतंत्र देव सिंह

लखनऊ: जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह (Jal Shakti Minister Swatantra Dev Singh) की ताकत को कम कर के भाजपा ने डिप्टी सीएमकेशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) की ताकत को विधान परिषद में बढ़ा दिया है. मगर केशव मौर्य को लेकर उन कयासों पर भी विराम लगा दिया है, जो उनको अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर लगाए जा रहे थे. अब तय हो गया है कि केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के अध्यक्ष नहीं बनेंगे. मगर स्वतंत्र देव सिंह के भविष्य पर संकट और अधिक मंडराता हुआ नजर आ रहा है. उनका मंत्री पद भी आशंकाओं से भरा हुआ नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि उन पर पार्टी निकट भविष्य में बड़ा निर्णय ले सकती है.
पहले ही कहा जा रहा था कि स्वतंत्र देव सिंह का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा एक सामान्य घटना नहीं है. यह भाजपा की औपचारिक प्रक्रिया नहीं है. भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा देना केवल सजा रही है. भाजपा को जब हार का सामना करना पड़ता था, तब प्रदेश अध्यक्ष अपने पद से इस्तीफा देते रहे हैं. मगर बिना किसी औचित्य के और केवल कार्यकाल पूरा होने की वजह से इस्तीफा देने का यह पहला मामला है. जिसको लेकर कयास यह भी लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का भविष्य संकटों से घिरा हो सकता है.

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हाल ही में जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश कुमार खटीक ने उन पर भ्रष्टाचार के अनेक आरोप जड़े थे. जिसके बाद में यह बातें सामने आने लगी हैं कि जल शक्ति मंत्री का समय कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पहले उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया और अब विधान परिषद में नेता सदन का भी पद छोड़ दिया है. स्वतंत्र देव अब भाजपा संगठन के सांचों में फिट नहीं नजर आ रहा है.
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने दो सप्ताह पहले अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा था. जिसके बाद में उन्होंने यह कहा है कि फिलहाल वे अध्यक्ष के तौर पर काम करते रहेंगे. वह चित्रकूट में आयोजित किए जा रहे भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग की अध्यक्षता भी कर चुके हैं. माना जा रहा है कि निकट भविष्य में भाजपा को नया अध्यक्ष भी मिल जाएगा. स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफे के बाद इस पूरे घटनाक्रम का पोस्टमार्टम किया जा रहा है कि आखिरकार ऐसा क्यों हुआ. इसी बीच विधान परिषद नेता सदन से इस्तीफा देकर उन्होंने एक और झटका दिया है या फिर भाजपा संगठन ने उनको झटका दिया है यह सवाल उठाया जा रहा है.

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