उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

योग से रहें पूरी तरह निरोग, दिनचर्या में अपनाएं ये योगासन

मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. इस दौरान लविवि के फैकल्टी ऑफ योगा के विभागाध्यक्ष अमरजीत यादव ने बताया कि विवि की ओर से तमाम पार्कों में निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

By

Published : Jun 21, 2022, 5:46 PM IST

लखनऊ: मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. योग से न सिर्फ आप शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक तौर पर भी फिट होते हैं. योग के जरिए आप अपने मन और ध्यान को एक चित्त कर सकते हैं. एक्सपर्ट ने बताया कि किस रोग के लिए कौन सा योगासन सबसे ज्यादा मददगार है. लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ योगा के विभागाध्यक्ष अमरजीत यादव ने बताया कि विवि की ओर से तमाम पार्कों में निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है. जहां पर हमारे विश्वविद्यालय के ट्रेनर मौजूद हैं. योगा हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है. उन्होंने कहा कि जब आप कभी डॉक्टर से मिलने जाते हैं तो आप उनसे बातों ही बातों में यह भी जानने की कोशिश करें कि कौन सा योगासन किस रोग में मददगार साबित होता है.

योगा ट्रेनर सौमिल शर्मा ने बताया कि योग हमारे लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि बहुत सारे योगासन हमें अनेकों बीमारियों से बचाते हैं. कोरोना काल में सभी ने योग के महत्व को समझाया. उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) की बीमारी को दूर करने में योग काफी मददगार है. योग व ध्यान की मदद से हाइपरटेंशन को दूर किया जा सकता है.

योग से रहें पूरी तरह निरोग

एक्सपर्ट द्वारा बताए गए कुछ योगासन:

प्राणायाम:योग याज्ञवल्क्य संहिता में प्राण (आती सांस) और अपान (जाती सांस) के प्रति सजगता के संयोग को प्राणायाम बताया है. सांस की डोर से हम तन-मन दोनों को साध सकते हैं. हठयोग ग्रंथ कहता है 'चले वाते, चलं चित्तं' यानी तेज सांस होने से हमारा चित्त-मन तेज होता है और सांस को लयबद्ध करने से चित्त में शांति आती है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
प्रत्याहार:हमारी 11 इंद्रियां हैं. यानी पांच ज्ञानेंद्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां और एक मन. प्रत्याहार शब्द प्रति और आहार से बना है. इंद्रियां जिन विषयों का भोग रही हैं, यानी उनका आहार कर रही हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि हर चीज जो सक्रिय है वो ऊर्जा की खपत करती है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
धारणा: चित्त का एक जगह टिक जाना धारणा है. इन दिनों अक्सर धारणा अभ्यास को हम ध्यान समझ लेते हैं. धारणा मन को एकाग्र करने की साधना है. इसके कई स्वरुप हैं जैसे प्राण धारणा यानी सांस पर फोकस, ज्योति या बिंदु त्राटक आदि. धारणा दरअसल ध्यान से पहले की स्थिति है. धारणा मन के विचारों की बाढ़ को नियंत्रित कर हमें शांति देती है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

ध्यान:धारणा लगातार बनी रह जाती है तो ध्यान घटित होता है. ध्यान के नाम पर जो भी विधि या प्रक्रिया हम अपनाते हैं वो महज हमें धारणा यानी एकाग्रता की ओर ले जा सकती है. जैसे-नींद से पहले हम तैयारी करते हैं, लेकिन यह तैयारी नींद की गारंटी नहीं है, वो अचानक आती है यानी घटित होती है.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
समाधि: महर्षि पतंजलि कहते हैं कि जब योगी स्वयं के वास्तविक स्वरूप (सत चित् आनंद स्वरुप) में लीन हो जाता है तब साधक की वह अवस्था समाधि कहलाती है. समाधि पूर्ण योगस्थ स्थिति का प्रकटीकरण है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
मोटापा दूर करने में मदद करें हलासनहलासन: इस आसन में शरीर की स्थिति हल के सामान होती है. पीठ के बल लेट जाइए. दोनों हाथ बगल में होंगे. अब सर्वांगासन की तरह दोनों पैरों को साथ-साथ और सीधा रखते हुए ऊपर की और 30 डिग्री, 60 डिग्री व 90 डिग्री और 120 डिग्री के कोणों पर रोकते हुए उठाएं. साथ ही धीरे-धीरे सिर की ओर ले जाइए. यहां तक कि पैर के पंजे की जमीन को छूने लगे. ऐसे करने से कमर का भाग ठीक सिर के ऊपर आ जाएगा. इससे मोटापा रोग को दूर करने के साथ-साथ उच्च रक्तचाप में भी मदद मिलती है और पेट की पेशियां मजबूत होती हैं. शवासन :इस आसन में शरीर की स्थिति मुर्दे के सामान हो जाती है. अंग-अंग शिथिल हो जाता है. इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाइये. दोनों टांगों को सीधे फैलाइये, एड़‍ियों में 18 से 20 इंच का फासला रहे और पंजे खुले रहें. हाथ जमीन पर हथेलियों का रुख आसमान की और रखें. मुंह से श्वास को बार-बार बाहर निकालते हुए पेट को अंतर की ओर ले जाएं. ऐसा तीन बार करें. यह सामान्यता लेटकर व बैठकर भी किया जा सकता है. इस आसन को करने से शरीर से थकावट दूर होती है. शरीर में स्फूर्ति आती है और हाई ब्लड प्रेशर वाले इसे दस मिनट सुबह शाम करें तो असीम लाभ होगा.

ये भी पढ़ें : योग हमें अनुशासित होना सिखाता है, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है: सीएम योगी

सर्वांगासन :सर्वांगासन करने से शरीर के प्रत्येक अंग पर प्रभाव पड़ता है. इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और शरीर को ढीला छोड़ दें. जब पांव जमीन से 30 डिग्री का कोण बनाने लगे तब वहां पर पांच सेकेंड के लिए रुक जायें. पांव को साठ डिग्री कोण तक उठाइये और पांच सेकेंड के लिए रुक जाइये. पांव को सीधा रखते हुए सिर की ओर लाइए जब 120 डिग्री का कोण बनाने लगे. इस अवस्था में पैरों को ऊपर की ओर ले जाएं, जहां तक संभव हो पैर और धड़ दोनों को एक सीध में रखें और धड़ को दोनों हाथों से सहारा दें. इसे ही सर्वांगासन कहा जाता है. यह ह्रदय रोग व रक्तचाप में सबसे ज्यादा मददगार होता है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details