लखनऊ : प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ (75th anniversary of independence) के अवसर पर मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव (azadi ka amrat mahotsav) पर बड़े स्तर पर जश्न मनाने की तैयारी की है. हर घर तिरंगा अभियान के माध्यम से हर वर्ग, हर तबके को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं युवाओं की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया गया है. इसके लिए खेल का माध्यम चुना गया है. खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश की ओर से सभी मंडलों के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारियों और प्रभारी क्रीड़ा अधिकारियों को इस संबंध में एक पत्र जारी किया जा चुका है. पत्र में 15 अगस्त के दिन प्रत्येक जिले में खेल प्रतियोगिताएं कराने के निर्देश दिए गए हैं. किस जिले में कौन सा खेल आयोजित कराया जाएगा, यह संबंधित जिले के जिलाधिकारी तय करेंगे.
उप निदेशक खेल आरएन सिंह ने इस संबंध में बताया कि बीते दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद सभी जिलों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है. पत्र में सभी जिलों में अनिवार्य रूप से खेल प्रतियोगिताएं कराने का निर्देश दिया गया है. किस जिले में कौन से खेल की प्रतियोगिता होगी, यह जिलाधिकारी तय करेंगे. आमतौर पर जिस जिले में जो खेल ज्यादा खेला जाता है, जिसके खिलाड़ी और कोच ज्यादा होते हैं, उसी का आयोजन कराया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो इसकी मंजूरी दी जाती है.
अमृत महोत्सव पर हर जिले में आयोजित होंगी खेल प्रतियोगितायें, आदेश जारी
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव पर बड़े स्तर पर जश्न मनाने की तैयारी की है. खेल निदेशालय उत्तर प्रदेश की ओर से सभी मंडलों के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारियों और प्रभारी क्रीड़ा अधिकारियों को इस संबंध में एक पत्र जारी किया जा चुका है.
गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में परंपरा के अनुसार सभी जिलों में क्रॉस कंट्री दौड़ का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन आजादी की 75वीं वर्षगांठ (75th anniversary of independence) को वृहद स्तर पर मनाने का फैसला किया गया है इसलिए प्रयास है कि प्रत्येक जिले में अधिक से अधिक युवा इसमें भागीदारी करें.
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यह पत्र उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में निदेशालय का कार्यभार देख रहे सभी प्रभारियों को भेजा गया है, जहां आठ मंडलों में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी (आरएसओ) के पास प्रभार है, वहीं दस मंडलों की जिम्मेदारी क्रीड़ा अधिकारियों के पास है. निदेशालय के अनुसार खेल प्रतियोगिता का निर्णय होने के बाद यह क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी और क्रीड़ा अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि उसमें खिलाड़ियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो.
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