लखनऊ: राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के अपमानजनक बयान को लेकर विधायकों में आक्रोश है. इसे लेकर सपा के कुछ मुस्लिम विधायक रविवार की देर रात तक सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले हैं. उनका कहना है कि यशवंत सिन्हा अपना बयान वापस लें, नहीं तो उन्हें वोट देने पर विचार करना पड़ेगा. गौरतलब है कि, कुछ समय पहले यशवंत सिन्हा ने कहा था कि मुलायम उत्तर प्रदेश में आईएसआई की बढ़ती गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल हैं.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू के समर्थन में विपक्ष के कई नेताओं के आने के कारण प्रदेश में राष्ट्रपति चुनाव काफी रोचक हो गया है. सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर और सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव के बाद सपा के कुछ अन्य विधायकों में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है. ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की एकता तार-तार हो गई है और सपा मुखिया अखिलेश यादव के फैसले पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं.
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सूत्रों के मुताबिक शहजिल इसलाम और आशु मलिक आदि विधायकों ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की है और वह इस मुद्दे को लेकर आज रात तक अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले हैं. उन्होंने यशवंत सिन्हा से बयान वापस लेने की मांग की है. साथ ही कहा है कि यदि यशवंत सिन्हा अपना बयान वापस नहीं लेते हैं, तो उन्हें वोट देने के बारे में सोचना होगा.
राष्ट्रपति चुनाव में सपा की अपरिपक्वता उसके फैसलों से खुलकर सामने आ गई है. सपा की ओर से विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लखनऊ आने पर हुई बैठक में शिवपाल सिंह यादव और सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर को नहीं बुलाया गया और न ही सपा की ओर से इनके वोट के लिए बात की गई, जिस कारण दोनों नेताओं ने राजग प्रत्याशी का समर्थन किया है. माना जा रहा है कि विपक्ष के कुछ और विधायक राजग प्रत्याशी को वोट दे सकते हैं.