लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सूचना विभाग का काम सरकारी विकास योजनओं का प्रचार-प्रसार करना है. इसके बजाय लाल टोपी दिखाकर फर्क बताने वाले राजनीतिक विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रचार कार्य है. 2022 की समाजवादी सरकार जांच कराएगी कि सूचना विभाग से भाजपा के राजनीतिक प्रचार के लिए कितनी धनराशि विज्ञापनों, होर्डिंग आदि पर खर्च की गई. इसमें जो अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, वो जांच के दायरे में होंगे.
लखनऊ में अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि जबसे भाजपा सत्ता में आई है, सिवाय सत्ता के दुरुपयोग के उसने कोई काम नहीं किया है. समाजवादी सरकार में सरकारी कोष का इस्तेमाल नहीं किया गया, जबकि भाजपा सरकार में संसाधनों का दुरुपयोग करने में जरा भी लोकलाज नहीं रही. सन् 2017 में सत्ता में आने के बाद से भाजपा सरकारी कोष और संसाधनों का लगातार अपनी पार्टी के प्रचार के लिए प्रयोग करती आ रही है. भाजपा-समाजवादी में यही अंतर है.
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के समय किए गए विकास कार्यों को जनता जानती है, क्योंकि ये काम खुद बोलता है. भाजपा को समाजवादी सरकार के काम को अपना बताने के लिए झूठ की डुगडुगी पीटनी पड़ती है. यही दोनों पार्टियों के कामकाज में प्रमुख अंतर है. भाजपा राज में महिलाओं के चीरहरण के साथ बेटियों के साथ दुष्कर्म की कई विचलित करने वाली वारदात हुईं.
लखनऊ में अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों को भाजपा मंत्री के बेटे ने जीप चढ़ाकर कुचल दिया. इस साजिश में शामिल मंत्री जी को अब तक हटाया नहीं गया. अपराधियों को सत्ता संरक्षण मिला, तो नकली शराब के धंधे में सैकड़ों जाने चली गईं. समाजवादी पार्टी ने अपराधियों पर नकेल कसी और अपराधियों को जेल के सींकचों में भेजा. भाजपा में जंगलराज की छूट है. समाजवादी सरकार में 100 नंबर से अपराधों पर रोक लगती थी.