लखनऊ:कई जिलों में पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है, लेकिन हाल ही की बस्ती के दुबौलिया थाना क्षेत्र में 'रंगरेलियां' मनाने गए दरोगा अशोक चतुर्वेदी को खंभे से बांधकर पीटने की घटना ने खाकी को शर्मसार कर दिया. दारोगा की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बस्ती के कप्तान ने इस आशिक मिजाज दारोगा को निलंबित कर बर्खास्त कर दिया है. यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व भी आशिक मिजाज पुलिसकर्मी महकमे और खाकी पर बट्टा लगाते रहे हैं.
बस्ती जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र के ऊंची गांव में कथित आशिक मिजाज दारोगा अशोक चतुर्वेदी की ग्रामीणों ने खंभे में बांधकर पीटा और पुलिस ने उसे किसी तरह छुड़ाकर अपने साथ ले गई. दुबौलिया थाने पर तैनात आशिक मिजाज दरोगा अक्सर अपनी बाइक से रात के अंधेरे में ऊंची गांव में आते और चोरी-छिपे निकल जाते थे. बीती 18 अगस्त की रात फिर गांव आए. एक स्कूल परिसर में उन्होंने अपनी बाइक खड़ी कर दी और एक महिला के घर में घुस गए. इसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया. वह दारोगा के घर से बाहर निकलने का इंतजार करने लगे. जैसे ही तड़के दारोगा घर से बाहर निकले और ग्रामीणों को इकट्ठा देखा तो वह बौखला गए. उन्होंने फायरिंग कर दी, जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और आशिक मिजाज दारोगा की जमकर धुनाई कर दी. धुनाई के बाद उन्हें एक लकड़ी के खंभे में बांध दिया. 112-यूपी पुलिस ने किसी तरह मौके से दारोगा को छुड़ाया और अपने साथ ले गए. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. प्रथम दृष्टया दारोगा को दोषी पाए जाने की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पहले दारोगा को निलंबित किया और फिर ग्रामीण संग्राम सिंह पर जानलेवा हमला करने और धमकी देने के मामले में मुकदमा दर्जकर दारोगा अशोक चतुर्वेदी को बर्खास्त कर दिया गया.
दारोगा दीपक सिंह की आशिक मिजाजी से बस्ती पुलिस को शर्मसार होना पड़ा. दरअसल, इसकी शुरुआत कोरोना संक्रमण की पहली लहर से हुई. कोतवाली के सोनूपार चौकी प्रभारी रहे दीपक सिंह पर एक युवती ने गंभीर आरोप लगाए थे. युवती की शिकायत में कहा गया कि 31 मार्च 2020 को वह घर से अपनी दादी की दवा लेने गई थी. उस समय लॉकडाउन चल रहा था. उस समय सोनूपार चौकी पर तैनात दारोगा दीपक सिंह ने उसे रोका और गाड़ी के कागजात चेकिंग के बहाने, उसका मोबाइल नंबर ले लिया. उसी दिन से दारोगा उसके मोबाइल नंबर पर फोन करने लगा था. इस पर आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत की तो पट्टीदारी के विवाद को आधार बनाकर उसके घरवालों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए गए. काफी मशक्कत के बाद शासन स्तर से उच्चस्तरीय जांच के आदेश बाद पुलिस महकमा हरकत में आया. जांच में दोषी पाए जाने पर दरोगा के खिलाफ युवती से अश्लील चैट, आपत्तिजनक व्यवहार, उत्पीड़न समेत अन्य आरोपों में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया. गोरखपुर जिले के चौरीचौरा थाना क्षेत्र का रहने वाला आरोपी दरोगा दीपक सिंह 18 जून 2021 को जेल से जमानत पर रिहा हुआ तो उसे बहराइच अटैच कर दिया गया. मुकदमे की जांच में चार्जशीट दाखिल होने के बाद विभागीय नियमानुसार उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.
इसी साल बीती 7 जुलाई को उन्नाव के ग्रामीण सर्किल में तैनात और मूलरूप से गोरखपुर मंडल के एक जिले के रहने वाले सीओ होटल में अपनी मातहत सिपाही के साथ 'रंगरेलियां' मना रहे थे. वह एसपी उन्नाव से अवकाश लेकर घर के लिए निकले और उन्होंने अपना मोबाइल फोन स्वीच ऑफ कर लिया था. रात में पत्नी ने नंबर मिलाया तो सभी नंबर बंद मिले. उन्होंने पति के साथ अनहोनी होने की आशंका में एसपी उन्नाव को रात ही फोन कर दिया. आनन-फानन उन्नाव की सर्विलांस टीम को सक्रिय किया और आधी रात के बाद सीओ को महिला सिपाही के साथ माल रोड स्थित एक होटल में पाया गया.