लखनऊ: कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के बाद दिहाड़ी मजदूर पैदल ही अपने घर की ओर रवाना हो गए हैं. कोई दिल्ली से बिहार जा रहा है, तो कोई बनारस से उन्नाव. ऐसे लोगों की मदद के लिए कई हाथ मदद के सामने आए हैं, जो इन भूखे मजदूरों को पेट भरने के लिए खाना उपलब्ध करा रहे हैं. इस मुहिम में ईटीवी भारत भी उनका साथ दे रहा है.
दिहाड़ी मजदूरों को खाना मुहैया करा रहे सामाजिक कार्यकर्ता. देशभर में लॉकडाउन के बाद ट्रांसपोर्टेशन के सभी साधन जैसे हवाई यात्रा, रेल यात्रा, बस यात्रा आदि को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. लॉकडाउन की वजह से छोटी-बड़ी सभी कंपनियां बंद हो गई हैं, जिसमें मजदूरी करने वाले मजदूर अब वापस अपने गांव की ओर लौटने को मजबूर हो रहे हैं. किसी को अपने घर तक पहुंचने में पांच दिन लग रहे हैं तो कोई घर पहुंचने के लिए अभी भी पैदल चल रहा है.
मजदूरों के लिए किया खाने-पीने का इंतजाम
लॉकडाउन के बाद शहरों से घर के लिए निकले मजदूरों को खाना न मिलने से वह भूखे रहने को मजबूर हैं. ऐसे में पैदल यात्रा कर रहे मजदूरों की मदद के लिए कुछ लोग सामने आए हैं, जो उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं. लोगों की इस मुहिम में ईटीवी भारत भी उनका साथ दे रहा है, जिससे मजदूर यात्रा के दौरान भूखे न रहें.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान एक किशोर ने बताया कि वह अपने दो मित्रों के साथ वाराणसी में एक गुटखा फैक्ट्री में मजदूरी करता है. लॉकडाउन के बाद फैक्ट्री बंद हो गई और मालिक ने उन्हें घर जाने को कह दिया, इसलिए वे तीनों पैदल ही वाराणसी से उन्नाव घर पहुंचने के लिए निकल पड़े हैं.