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ट्रांसजेंडर को मिलेगी सामाजिक सुरक्षा, बोर्ड की बैठक में किए गए कई अहम निर्णय

उभयलिंगी (ट्रांसजेंडर) व्यक्तियों की अधिकारों एवं हितों की रक्षा करने और उन्हें सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं तथा कल्याण संबंधी उपायों को धरातल पर लागू करने के उद्देश्य से नवंबर 2021 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड' (Uttar Pradesh Transgender Welfare Board) का गठन किया गया है, जिसकी दूसरी बैठक बापू भवन में आयोजित की गई.

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Published : Sep 13, 2022, 6:59 PM IST

लखनऊ : उभयलिंगी (ट्रांसजेंडर) व्यक्तियों की अधिकारों एवं हितों की रक्षा करने और उन्हें सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं तथा कल्याण संबंधी उपायों को धरातल पर लागू करने के उद्देश्य से नवंबर 2021 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड' (Uttar Pradesh Transgender Welfare Board) का गठन किया गया है, जिसकी दूसरी बैठक बापू भवन में आयोजित की गई. बैठक में उभयलिंगी व्यक्तियों के लिए गरिमा गृह का संचालन किए जाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया. इसके लिए इच्छुक स्वयं सेवी संस्थाओं की सूची बनाकर उनसे संपर्क करते हुए प्रदेश के प्रत्येक जिले में गरिमा गृह के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए. उक्त गरिमा गृहों में उभयलिंगी व्यक्तियों को शिक्षा, प्रशिक्षण एवं रोजगार के लिए कौशल विकास संबंधी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी.


मंत्री असीम अरुण ने उभयलिंगी समुदाय के लिए पहचान प्रमाण पत्र एवं आयुष्मान कार्ड (ayushman card) की सुविधा प्रदान किए जाने के निर्देश दिए. सभी उभयलिंगी व्यक्ति सुविधाजनक तरीके से पहचान प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. बैठक में इसकी व्यवस्था किए जाने के निर्देश भी दिए गए. मंत्री ने कहा कि प्रक्रिया में तेजी लाकर समस्त ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों के पहचान प्रमाण पत्र बनाए जाएं, जिससे पहचान प्रमाण पत्र से संबंधित लाभ यथा आयुष्मान कार्ड संबंधी स्वास्थ्य सुविधा, गरिमा गृह में निवास की सुविधा जैसी अन्य सुविधाएं ट्रांसजेंडर समुदाय को उपलब्ध कराई जा सकें.


शिक्षा से जुड़े पहलू पर बोर्ड द्वारा यह सुझाव दिया गया कि बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा स्तर पर पाठ्यक्रम में इस प्रकार से परिवर्तन लाया जाए, जिससे जनमानस को ट्रांसजेंडर से संबंधित विषयों पर जागरूक एवं संवेदनशील बनाया जा सके. इस संबंध में अध्ययन कर समुचित प्रस्ताव प्रेषित किए जाने के निर्देश दिये गए. शिक्षा संबंधी पहलू पर मंत्री असीम अरुण ने कहा कि समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) द्वारा संचालित आश्रम पद्धति के विद्यालय में ट्रांसजेंडर बच्चों के लिए निःशुल्क आवासीय शैक्षणिक व्यवस्था उपलब्ध है, जिसका लाभ ट्रांसजेंडर समुदाय के बच्चे प्राप्त कर सकते हैं. इसी क्रम में स्कूल, कॉलेजों एवं कार्य स्थलों पर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सुलभ प्रकार से सामाजिक स्वीकार्यता बढ़ाने के संबंध में भी जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए गए.


बोर्ड ने ट्रांसजेंडर समुदाय को सुरक्षा प्रदान किए जाने के संबंध में ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल प्रदेश स्तर पर एवं प्रत्येक जिलास्तर पर गठित किए जाने के निर्देश दिए गए, जिससे समुदाय के व्यक्ति बिना किसी भय के सुरक्षा संबंधित समस्याओं के लिए पुलिस प्रशासन के समक्ष अपनी बात रख सके. बैठक की अध्यक्षता समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने की. बैठक में बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम चिश्ती एवं सदस्य कौशल्या नंद गिरि (टीना मां), किरन बाबा, मधु (काजल), देविका देवेंद्र एस मंगलामुखी, डॉ. सत्य प्रकाश के साथ समीर वर्मा, सचिव समाज कल्याण रजनीश चंद्र आदि के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए.

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समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़ी हुई बेवसाइट, हेल्पलाइन नंबर एवं सोशल मीडिया पेज-फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि बनाते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय एवं जनमानस को जागरूक एवं संवेदनशील बनाया जाएगा. साथ ही ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जाएगा.

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