लखनऊ: केजीएमयू में अब कोई सिगरेट का धुआं नहीं उड़ा सकेगा. तम्बाकू और पान मसाला पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह नियम डॉक्टर-कर्मचारी, मरीज व उनके तीमारदारों पर भी लागू होगा.
तम्बाकू निषेध दिवस पर केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने संकल्प दिलाया. इस दौरान परिसर को तम्बाकू फ्री रखने का फैसला किया. केजीएमयू में 4500 बेड हैं, 450 डॉक्टर हैं और करीब 1000 रेजिडेंट हैं. इसके अलावा पांच से छह हजार नियमित व संविदा कर्मचारी हैं. हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं हैं. रोजाना परिसर में करीब 10 हजार से अधिक लोग आते-जाते हैं. बड़ी संख्या में डॉक्टर-कर्मचारी, छात्र, मरीज तीमारदार धूमपान करते हैं. कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने बताया कि परिसर में धूम्रपान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. यह सभी की जिम्मेदारी है कि इस नियम और संकल्प का पालन करें. उन्होंने कहा कि परिसर के बाहर तो हम धूम्रपान की बिक्री को नहीं रोक सकते हैं, लेकिन परिसर में धूम्रपान से मुक्त रखने की कोशिश कर सकते हैं.
केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने कहा कि परिसर में सभी डॉक्टर व कर्मचारियों को धूम्रपान न करने की सलाह दी गई है. ताकि हम मरीजों के सामने नजीर पेश कर सकें. ट्रॉमा के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट आदि को बहुत ही आसानी से छोड़ा जा सकता है. इच्छा शक्ति व दृढ़ संकल्प से धूम्रपान से तौबा कर सकते हैं.
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