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योगी के छह माह, विकास के रास्ते पर सरकार, चुनौतियां बरकरार - Chief Minister Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) ने दूसरे कार्यकाल से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र में जो संकल्प लिए थे, सरकार ने छह माह में उन्हें एक-एक कर पूर्ण करने पर फोकस रखा.

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Published : Sep 24, 2022, 5:45 PM IST

Updated : Sep 24, 2022, 5:56 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) ने दूसरे कार्यकाल से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र में जो संकल्प लिए थे, सरकार ने छह माह में उन्हें एक-एक कर पूर्ण करने पर फोकस रखा. प्रदेश में युवाओं को रोजगार की बात हो, प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को निवेश के लायक बनाने की चुनौती हो, एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हो या फिर माफिया-अपराधियों पर नकेल कसने का संकल्प हो, हर मुद्दे पर सरकार ने जनता के प्रति समर्पण के भाव से प्रभावशाली काम किया है. इन छह महीनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने न सिर्फ योजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण किया, बल्कि समय-समय पर योजनाओं के विकास की समीक्षा भी की, जिससे कोई योजना सरकारी फाइलों में दब नहीं सकी और पूरी पारदर्शिता के साथ लोगों को उनका लाभ मिल सका. हालांकि अभी कई क्षेत्रों में काम किया जाना बाकी है और कई चुनौतियों का सामना सरकार को करना है.


इंफ्रास्ट्रक्चर : प्रदेश के विकास को मिली गति

यूपी में 1,225 किलोमीटर तक फैले एक्सप्रेस-वे के जाल ने न सिर्फ यात्राओं को सुगम और तेज बनाया है, बल्कि इनके दोनों ओर डेवलप किए जा रहे औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश के विकास को भी गति दे रहे हैं. आने वाले समय में यूपी में छह नए एक्सप्रेस वे का जाल बिछाया जाना है. एक्सप्रेस-वे की रफ्तार के साथ ही प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी का जाल बिछाने का कार्य भी तेज गति से चल रहा है. पांच अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों वाले यूपी में योगी सरकार सभी मंडलों को एयर कनेक्ट करने की महात्वाकांक्षी परियोजना पर मिशन मोड में काम कर रही है. हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो प्रदेश के सभी 4600 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थ एटीएम लगाए जा रहे हैं. 65 जिलों में मेडिकल कॉलेज के अलावा गोरखपुर-रायबरेली में एम्स का संचालन किया जा रहा है. 6.51 करोड़ प्रदेशवासियों को आयुष्मान कार्ड के जरिए पांच लाख रुपये तक के बीमा से कवर किया जा चुका है.


कानून-व्यवस्था : 36 माफिया को मिली सजा

मुख्तार अंसारी सहित 36 माफिया और उनके शागिर्दों को आजीवन कारावास और दो को फांसी की सजा हुई है. साथ ही पिछले छह माह में प्रदेश स्तर पर चिह्नित 62 माफिया की अवैध रूप से कमाई गई 22 सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया गया है. सबसे कम समय में सजा दिलाने में भी उत्तर प्रदेश, देश में पहले स्थान पर है. यूपी पुलिस ने माफिया के गैंग के 860 सहयोगियों के खिलाफ 396 मुकदमे दर्ज कर चार सौ से अधिक को आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 174 पर गुंडा एक्ट, गैंगेस्टर में 355 और 13 आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की है और 310 शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त किए हैं. ड्रग माफिया के खिलाफ 24 अगस्त से आठ सितंबर तक चले अभियान में पुलिस ने 2833 संदिग्ध आरोपियों को चिह्नित कर 2479 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की और 2277 मुकदमे दर्ज किए.


निवेश : 10 लाख करोड़ के निवेश का खाका तैयार

जनवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 (जीआईएस) से पहले दो दर्जन से अधिक नीतियों को अपग्रेड किया जा रहा है और नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी, वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक पॉलिसी और इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल पॉलिसी जल्द आने वाली है. जीआईएस-23 के लिए 17 देशों सहित देश के सात बड़े शहरों में रोड शो भी होगा. प्रदेश में पिछले छह माह में 55 कंपनियों के 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं. पिछले पांच वर्ष में सबसे ज्यादा निवेश आईटी और इलेक्ट्राॅनिक्स सेक्टर में 94,632 करोड़ रुपये का हुआ है. योगी सरकार में पिछले साढ़े पांच साल में चार लाख 68 हजार करोड़ रुपये के एमओयू हुए हैं, जिसमें तीन लाख 82 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत इस साल 21 अगस्त तक 205 रिफॉर्म्स लागू किए गए हैं और अन्य 142 रिफॉर्म्स 31 अक्टूबर तक लागू होंगे.


युवा : 93 हजार लोगों को मिला रोजगार

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ही सेवायोजन के तहत रोजगार मेले के जरिए 93 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिला, जबकि करियर काउंसिलिंग के तहत 1.42 लाख से अधिक को मार्गदर्शन मिला. प्रदेश में 119 राजकीय महाविद्यालयों में ई लर्निंग पार्क विकसित किए गए हैं. 87 राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था हो चुकी है, तो प्रदेश के 27 विश्वविद्यालयों द्वारा राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ 111 अनुबंध किए गए हैं. 26 नवीन राजकीय पॉलीटेक्निक स्वीकृत किए जा चुके हैं, तो 24 निर्माणाधीन हैं. युवाओं को भविष्य की जरूरतों को देखते हुए एविएशन और ड्रोन तकनीक में निपुण बनाया जा रहा है. खेलों में भी युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने का निर्णय किया गया, जिसके तहत विभिन्न विभागों में 24 पद चिन्हित किए गए. एक जिला, एक खेल योजना के तहत प्रत्येक जिले में खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जा रही है. प्रदेश में खेलो इंडिया की 15 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं.

महिला शक्ति : सशिक्तकरण के लिए उठे कई कदम

'कन्या सुमंगला' के तहत राज्य में अब तक 13.67 लाख से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हो चुकी हैं. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार ने उत्तर प्रदेश में अब तक आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की 1,91,686 बेटियों के हाथ पीले किए हैं. 58,000 ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सखी की तैनाती का मकसद बेटियों और महिलाओं को मजबूत बनाना है. मुख्यमंत्री की पहल से लगभग 48,000 महिलाओं को 5451 करोड़ रुपये के वित्तीय लेनदेन करने और 2020 से 14.15 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने में मदद मिल रही है. बिजली सखियों के रूप में डब्ल्यूएसएचजी के सदस्यों ने अब तक 173.5 करोड़ रुपये से अधिक के बिजली बिलों का संग्रह पूरा किया है और सफलतापूर्वक 2.39 करोड़ रुपये का कमीशन अर्जित किया है. बेटियों और महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए योगी सरकार प्रदेश में पहली बार तीन महिला पीएसी बटालियन की स्थापना कर रही है. वहीं प्रदेश के सभी 1584 थानों (जीआरपी समेत) में महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई. सभी 1535 पुलिस थानों में 10,417 महिला थाने का गठन किया गया है.

किसानों का हाल : गन्ने का हुआ रिकॉर्ड भुगतान

योगी सरकार ने अब तक के कार्यकाल में गन्ने का रिकाॅर्ड भुगतान कर न केवल गन्ना किसानों के लिए गन्ने की मिठास बढ़ा दी, बल्कि भुगतान के मुद्दे पर विपक्ष की बोलती बंद कर दी. साल 2012 से 2017 के दौरान गन्ना किसानों को सिर्फ 95 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ, जबकि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2017 से 2022 के दौरान 1.51 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. अब तक के आंकड़ों को जोड़ लें तो यह भुगतान करीब 1.78 लाख करोड़ रुपये के करीब है. आजादी के बाद से अब तक का रिकॉर्ड है. 2016 से 2017 में जो गन्ना उत्पादन 1486.57 लाख मीट्रिक टन था, वह 2020 से 2021 में बढ़कर 11059 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया.

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इसी समयावधि में चीनी उत्पादन 87.73 से बढ़कर 110.59 लाख मीट्रिक टन और गन्ने की उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 72.38 से बढ़कर 81.5 मीट्रिक टन हो गई. मौजूदा समय में 55 मिलें हेवी मोलेसिस से एथनॉल बना रही हैं. गन्ने के रस से सीधे एथनॉल बनाने वाली पिपराइच उत्तर भारत की पहली मिल होगी. फिलहाल एथनॉल के उत्पादन में भी यूपी देश में नंबर वन है.

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Last Updated : Sep 24, 2022, 5:56 PM IST

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