लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकारी पॉलीटेक्निक शिक्षा के हाल बेहाल हैं. आलम यह है कि इनमें पढ़ाने के लिए शिक्षक ही उपलब्ध नहीं हैं. विभागीय आंकड़ों में एक अचंभित कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. लखनऊ के दो पॉलीटेक्निक कॉलेज समेत प्रदेश के 19 पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रवेश क्षमता के मुकाबले शिक्षकों की संख्या में कमी के कारण से संबंधित एआइसीटी ( अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ) ने पिछले साल नवंबर माह में रिपोर्ट भी मांगी थी.
इस मामले में प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि शिक्षकों की कमी के चलते एआइसीटी ने द्वितीय पाली बंद करने का निर्णय लिया है. जानकारों की मानें तो कुछ संस्थानों में पार्ट टाइम शिक्षकों के सहारे पढ़ाई कराई जा रही है, कुछ में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. छात्रों का कहना है कि इन संस्थानों में न पढ़ाई होती है न कक्षाएं लगती हैं. नतीजतन डिप्लोमा पूरा होने के बाद भी पढ़ाई किसी काम की नहीं रह जाती.
यह हैं हालात-