लखनऊ :उत्तर प्रदेश में बिजली संकट को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है. राजधानी लखनऊ के शहरी इलाकों से लेकर प्रदेश के सभी जनपदों में भीषण बिजली संकट पैदा हो गया है. एक तरफ जबरदस्त उमस भरी प्रचंड गर्मी और उस पर से भीषण बिजली संकट ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है. उधर, इस परेशानी के बीच प्रदेश सरकार पर राजनीतिक दलों ने भी निशाना साधना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी से विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने भी ट्वीटकर प्रदेश सरकार पर बिजली संकट को लेकर निशाना साधा है.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर बिजली संकट को लेकर निशाना साधते हुए ट्वीट किया. शिवपाल ने अपने ट्वीट में बिजली विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. साथ ही बिजली बिल वसूली के नाम पर गरीब जनता को परेशान करने और कमीशनखोरी का खेल खेलने का भी आरोप लगाया है.
शिवपाल ने अपने ट्वीट मे कहा कि बिजली बचत! मतलब 12 से 18 घंटों की अघोषित बिजली कटौती! इसके बाद अगर गलती से बिजली आ जाए तो जनता अपने घर के सारे आवश्यक विद्युत उपकरण बंद करके बिजली बचत की संकल्पना को साकार करे. आपके अधिकारी व कर्मचारी विद्युत निर्माण व वितरण के दायित्व को छोड़कर विद्युत क्षति के नाम पर गरीब जनता के यहां छापे मारेंगे और कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार में लिप्त रहेंगे, यकीनन जनता के साथ अच्छा मजाक है.
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उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों में तो बिजली संकट है ही, ग्रामीण इलाके तो बुरी तरह से बिजली संकट से जूझ रहे हैं. सात-आठ घंटे की कटौती तो नॉर्मल है लेकिन बिजली एक बार जाने के बाद कब वापस आएगी, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है. अघोषित बिजली कटौती से जनता बुरी तरह त्रस्त है. बिजली संकट को लेकर लगातार सरकार की किरकिरी हो रही है.
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