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मानव तस्करी में निरुद्ध अभियुक्तों की सात दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर

यूपी ATS ने रोहिंग्या कनेक्शन के जरिए मानव तस्करी का भंडाफोड़ किया है. एडीजी कानून व्यवस्था के मुताबिक, यूपी ATS ने एक बंगलादेशी समेत दो म्यांमार के रहने वाले रोहिंग्याओं को दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से किया गिरफ्तार किया था. एटीएस के विशेष जज योगेंद्र राम गुप्ता ने अभियुक्तों की सात दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर की है.

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Published : Jul 28, 2021, 9:16 PM IST

मानव तस्करी में निरुद्ध अभियुक्तों की सात दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर
मानव तस्करी में निरुद्ध अभियुक्तों की सात दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर

लखनऊ: एटीएस के विशेष जज योगेंद्र राम गुप्ता ने पड़ोसी देशों से मानव तस्करी कर महिलाओं और बच्चों को भारत में बेचने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त मोहम्मद नूर उर्फ नुरुल इस्लाम, रहमतुल्ला व शबीउर्ररहमान उर्फ शबीउल्ला को सात दिन के लिए एटीएस की कस्टडी मे सौंपने का आदेश दिया है. इनकी कस्टडी रिमांड की यह अवधि 29 जुलाई की सुबह 10 बजे से शुरु होगी. कोर्ट ने यह आदेश इस मामले के विवेचक और एटीएस के निरीक्षक सत्य नारायण यादव की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है.

कोर्ट के समक्ष विवेचक की ओर से कहा गया कि इन अभियुक्तों को मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, हैदराबाद और जम्मू कश्मीर में चिन्हित व्यक्तियों की शिनाख्त के लिए ले जाना है. इन स्थानों में जिन लोगों से सम्पर्क कर जाली भारतीय दस्तावेज बनाए गए हैं, उनकी बरामदगी करानी है और इसमें शामिल लोगों का पता लगाना है. कहा गया कि इस मानव तस्करी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, उनका उद्देश्य क्या है, यह भी पता करना है. इनके बैंक खातों का विस्तृत विश्लेषण करना है और इनके मोबाइल फोन से जो साक्ष्य प्राप्त होंगे, उन्हें भी डिस्कवर करना है.

एटीएस का कहना था कि अभियुक्त महिलाओं और बच्चों को किस बॉर्डर के किस स्थान से लाते थे, इसका भी पता लगाना है. अवैध रुप से भारत में लाए गए सभी लोगों का चिन्हिकरण कराना है. कहा गया कि विवेचना अंतर्राष्ट्रीय प्रकिृत की बृहद और जटिल है.

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विवेचक की ओर से बताया गया कि अभियुक्तों का एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह सिंडीकेट भारत-बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय है. यह सिंडीकेट म्यामांर के रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी महिलाओं और बच्चों को प्रलोभन देकर अवैध रुप से भारत में ला रहा है और मानव तस्करी कर रहा है. इन महिलाओं का विवाह के नाम पर शोषण करने के उद्देश्य से उन्हें असामाजिक तत्वों के हाथ बेचा जा रहा है, जबकि पुरुष और बच्चों को विभिन्न फैक्ट्रियों में काम दिलाने के नाम पर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 2021 को इस मामले की एफआईआर निरीक्षक चैम्पियन लाल ने थाना एटीएस में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 370, 120बी तथा विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत दर्ज कराई थी.

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