लखनऊ : पिछले करीब दो साल से लखनऊ गोल्फ क्लब (Lucknow Golf Club) में राष्ट्रीय स्तर तक का कोई टूर्नामेंट नहीं हुआ है. क्लब में छोटे टूर्नामेंट की भी संख्या बहुत कम है, जबकि क्लब का संचालन करने वाली कमेटी और उससे जुड़े ब्यूरोक्रेट वर्चस्व की राजनीति में उलझे हुए हैं. लगातार क्लब पर कब्जा जमाने के लिए वर्तमान और पूर्व नौकरशाहों के बीच जंग छिड़ी हुई है. सोमवार को क्लब की कमेटी की ओर से प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. गोल्फ क्लब के अध्यक्ष मुकुल सिंघल पर गंभीर आरोप लगाये गये. इस दौरान यह स्पष्ट कर दिया गया कि अध्यक्ष और पूर्व आईएएस मुकुल सिंघल ने बाइलॉज का उल्लंघन करते हुए नए बाइलॉज बनाये और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के अलावा हाईकोर्ट के अनेक जज को गोल्फ क्लब का लाइफ टाइम मेंबर बना दिया. यह नियमों के खिलाफ था.
क्लब कैप्टन सुधाकर रस्तोगी, कमेटी मेंबर आदेश सेठ, सिद्धार्थ वर्मा और सुमित तिवारी ने सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि हमारे बाइलॉज होते हैं. मगर अध्यक्ष मुकुल सिंघल ने 31 मार्च 2019 कुछ नियम बदल दिए थे. आनरेरी मेंबर को पूर्णकालिक कर दिया. हाईकोर्ट के कुछ जज और चीफ सेक्रेटरी को जीवन भर के लिए मेंबर बना दिया गया था. जिसका पता हमको नवंबर 2021 में चला. उन्होंने इसके लिए ईजीएम कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि मीटिंग पूरी नहीं हुई. ईजीएम और एजीएम दोनों हुईं, लेकिन मुकुल सिंघल ने नियम विरुद्ध तरीके से कमेटी को भंग कर दिया है.