लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने मंगलवार को लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता की. उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कार्ययोजना का लक्ष्य सभी विद्यार्थियों को ज्ञान, कौशल और राष्ट्र प्रेम की भावना विकसित करने वाली गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराना है.
माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि प्रदेश में कौन से विद्यालय कहां स्थित हैं, किस बस्ती के नजदीक कितने विद्यालय हैं एवं नया विद्यालय बनाने के लिए उचित स्थान क्या है, इत्यादि की जानकारी व प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सभी विद्यालयों की मैंपिग कर दी गयी है और एक वेब पोर्टल विकसित किया गया है. जिसका नाम ’‘पहुंच’’ रखा गया है. स्कूल मैपिंग साॅफ्टवेयर और पहुंच पोर्टल का विकास भास्कराचार्य नेशनल इन्सीट्यूट फार स्पेस एप्लीकेशन एंड जिओ इन्फार्मेटिक्स (BISAG), गांधीनगर गुजरात के सहयोग से किया गया है. स्कूल मैपिंग की इस नवीन व्यवस्था से माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की व्यवस्था और अधिक तर्कसंगत एवं पारदर्शी सम्भव होगी. उन्होंने बताया कि कक्षा-10 तथा कक्षा-12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद बच्चों की सहायता के लिए करियर गाइडेंस पोर्टल ’’पंख’’ को विकसित किया गया है. इस पोर्टल पर विद्यार्थियों को उनकी आकांक्षाओं, रूचि और रूझान से मेल खाने वाले विभिन्न करियर पथ का चयन करने और उन्हें काॅलेज, छात्रवृत्ति, कौशल विकास कार्यक्रम, इन्टर्नशिप और शिक्षा के विषय में उपलब्ध विकल्पों के बारे में बेहतर सलाह मिल सकेगी. सम्प्रति राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क व्यवस्था की गयी है.
माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि विद्यार्थियों और जन सामान्य को सहजतापूर्वक सम-सामयिक एवं संदर्भ सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ई-लाइब्रेरी पोर्टल ‘‘प्रज्ञान’’ और मोबाइल एप विकसित किया गया है. पोर्टल पर ई-पुस्तकों के विशाल संग्रह के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, उद्यमिता व स्टार्ट-अप, एनआईसी ई-ग्रन्थालय एवं उप्र लाइब्रेरी नेटवर्क की जानकारी उपलब्ध है. पोर्टल सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि किस राजकीय विद्यालय में क्या संसाधन हैं तथा विद्यालयों में हो रही गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने तथा अनुश्रवण, पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण करने के लिए ‘‘परख’’ पोर्टल विकसित किया गया है. विद्यालयों के प्रदर्शन के मानक भी विकसित किये गये हैं जिनके आधार पर प्रत्येक राजकीय विद्यालय की श्रेणी निर्धारित होगी. प्रदर्शन आधारित श्रेणीकरण की व्यवस्था से विद्यालयों में स्वस्थ शैक्षिक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी.