उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / city

अफसरों की बड़ी लापरवाही: ई-रिक्शा से बिना अनुमति के स्कूल जा रहे हैं स्टूडेंट्स

ई-रिक्शा से बच्चे स्कूल जा रहे हैं. इन ई- रिक्शा चालकों पर अधिकारियों का जरा भी ध्यान नहीं है और न ही विभाग की तरफ से इन पर किसी तरह से रोक लगाई जा रही है. इसके चलते ई-रिक्शा चालक मनमानी कर रहे हैं.

etv bharat
ई-रिक्शा

By

Published : May 5, 2022, 11:49 AM IST

Updated : May 5, 2022, 5:18 PM IST

लखनऊ: परिवहन विभाग में स्कूल बस, वैन या फिर टेंपो स्कूल वाहन के रूप में बच्चों को ढोने के लिए रजिस्टर्ड हैं. ई-रिक्शा का स्कूली वाहन के रूप में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है. ई-रिक्शा से बच्चे स्कूल जा रहे हैं. इन ई- रिक्शा चालकों पर अधिकारियों का जरा भी ध्यान नहीं है और न ही विभाग की तरफ से इन पर किसी तरह से रोक लगाई जा रही है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगर सबसे ज्यादा तेज वाहनों की बढ़ती रफ्तार की बात की जाए, तो यह ई-रिक्शा ही होंगे. 24,000 से ज्यादा ई-रिक्शा आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड है. वहीं सड़क पर बिना रजिस्ट्रेशन के भी हजारों की संख्या में ई-रिक्शा चलाए जा रहे हैं. ई-रिक्शा निजी वाहन के तौर पर, व्यावसायिक वाहन के रूप में और स्कूली वाहन की तरह शहर के अंदर बिना किसी खौफ के चलाए जा रहे हैं. स्कूल में बच्चे ढोने के लिए ई-रिक्शा को अनुमति नहीं है लेकिन परमिट से छूट होने के चलते ई-रिक्शा चालक मनमानी रहे हैं.

इसे भी पढ़े-राजधानी लखनऊ में स्कूल की ऐसी हालत, देखकर रह जाएंगे दंग...पढ़िए पूरी खबर


कोई मानक ही नहीं

परिवहन विभाग में स्कूली वाहन के रूप में अगर कोई बस या वैन का रजिस्ट्रेशन होता है तो समय-समय पर इन वाहनों की फिटनेस जांच भी कराई जाती है. अनफिट पाए जानेवाले वाहनों पर कार्रवाई होती है. 14 पॉइंट पर स्कूली वैन तो 26 पॉइंट पर स्कूली बसों की जांच की जाती है. अगर ई-रिक्शा की बात करें तो इनके लिए किसी तरह के कोई मानक हैं ही नहीं.

बच्चों की सुरक्षा का ई-रिक्शा में कोई इंतजाम भी नहीं होता है, लेकिन इससे परिवहन विभाग के अधिकारियों का भला क्या लेना-देना? बच्चे अगर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं तो हों. परिवहन विभाग के अधिकारी बिना अनुमति के बच्चे ढो रहे ई-रिक्शा चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

कम पैसे के चक्कर में अभिभावक ई-रिक्शा को देने लगे वरीयता

ई-रिक्शा चालक स्कूल बस और वैन के महंगे होने का फायदा उठा रहे हैं. मजबूरी में अभिभावक कम पैसे के चक्कर में बस और वैन के बजाय ई-रिक्शा के जरिए ही अपने बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं, लेकिन यही ई-रिक्शा बच्चों के लिए मुसीबत बन सकते हैं.

ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरो के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : May 5, 2022, 5:18 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details