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रूही बनीं ऑनलाइन हाउस टैक्स पता कर जमा करने वाली पहली मकान मालिक, महापौर ने बताये फायदे

नगर निगम की तरफ से शुक्रवार को हाउस टैक्स के ऑनलाइन असेसमेंट की प्रक्रिया की शुरुआत की गई. मसकगंज-वजीरगंज वार्ड की रूही नाज शहर की ऑनलाइन हाउस टैक्स का असेसमेंट कर जमा करने वाली पहली मकान मालिक बनीं. इस दौरान महापौर संयुक्ता भाटिया ने इसके फायदे गिनाए.

जानकारी देतीं महापौर संयुक्ता भाटिया
जानकारी देतीं महापौर संयुक्ता भाटिया

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Published : Jul 15, 2022, 5:30 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 5:50 PM IST

लखनऊ : नगर निगम की तरफ से शुक्रवार को हाउस टैक्स के ऑनलाइन असेसमेंट की प्रक्रिया की शुरुआत की गई. मसकगंज-वजीरगंज वार्ड की रूही नाज शहर की ऑनलाइन हाउस टैक्स का असेसमेंट कर जमा करने वाली पहली मकान मालिक बनीं. रूही नाज ने 6055 रुपये हाउस टैक्स जमा किया. नगर निगम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों की देखरेख में यह हाउस टैक्स जमा कराया गया.

ETV Bharat से खास बातचीत के दौरान महापौर संयुक्ता भाटिया ने इसके फायदे गिनाए. इस सुविधा को लेकर शहर की जनता को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोकमंगल दिवस के मौके पर इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने शहरवासियों से ज्यादा से ज्यादा इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील की. उन्होंने बताया कि शहरवासी न केवल अब घर बैठे ही हाउस टैक्स का असेसमेंट कर सकेंगे, बल्कि उसे घर बैठे जमा भी कर सकेंगे. लखनऊ नगर निगम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महापौर के साथ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, पार्षद अमित चौधरी समेत अन्य पार्षद और अधिकारी मौजूद रहे.

बातचीत करते संवाददाता आशीष त्रिपाठी

लखनऊ नगर निगम की आय का सबसे बड़ा साधन हाउस टैक्स है. शहर में करीब पांच लाख से ज्यादा गृहस्वामी हैं. इनसे हाउस टैक्स लिया जाता है. अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे गृहस्वामी हैं जो बार-बार नोटिस के बाद भी हाउस टैक्स जमा करने नहीं आते हैं. महापौर संयुक्ता भाटिया ने बताया कि इनको अब चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी. इतना ही नहीं हाउसटैक्स के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़ा भी नहीं होगा.

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गलत जानकारी देने पर होगा जुर्माना : बीते दिनों कुछ सूचनाएं सामने आई थीं. जिसमें ऑनलाइन असेसमेंट में गलत जानकारी देने वालों पर चार गुना जुर्माने की बात की गई. इसको लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है. अधिकारियों ने बताया कि गलत सूचना देने पर टैक्स में जो अंतर रहेगा उसका चार गुना जुर्माना वसूला जाएगा. उदाहरण के तौर पर यदि किसी ने गलत जानकारी देकर 100 रुपये की चोरी की है और जांच में पुष्टि होती है तो उसे चार गुना यानी 400 रुपये बतौर जुर्माना जमा करना होगा.

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Last Updated : Jul 15, 2022, 5:50 PM IST

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